रायपुर/नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के सिरपुर को विश्व धरोहर घोषित करने की मांग फिर उठने लगी है। धार्मिक और पर्यटन स्थलों की सुरक्षा एवं आधारभूत संरचना को लेकर संसद भवन नई दिल्ली में सोमवार को प्राक्कलन समिति की बैठक हुई, जिसमें रायपुर सांसद और समिति के सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ से जुड़े कई पर्यटन और धार्मिक स्थलों के विकास और सुरक्षा से जुड़े विषयों को प्रमुखता से उठाया।
बैठक में सांसद अग्रवाल ने पर्यटन स्थलों पर सेफ्टी और सिक्योरिटी से जुड़े मामलों पर विशेष रूप से ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखने वाले छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक सिरपुर को यूनेस्को विश्व धरोहर (World Heritage) के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव लंबे समय से भारत सरकार के पास लंबित है। इस प्रस्ताव पर शीघ्र निर्णय लेने की आवश्यकता है।


बैठक में सांसद बृजमोहन ने राजिम एवं चन्द्रखुरी जैसे तीर्थस्थलों को धार्मिक कॉरिडोर के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त प्रस्तावों की स्थिति की जानकारी भी मांगी। उन्होंने यह भी पूछा कि छत्तीसगढ़ से भेजे गए कुल कितने प्रस्ताव स्वीकृत हुए हैं, कितने निरस्त हुए हैं और किन-किन परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। साथ ही उन्होंने PRASAD योजना (National Mission on Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual, Heritage Augmentation Drive) के तहत डोंगरगढ़ में स्वीकृत परियोजना की प्रगति पर सवाल उठाते हुए इसे शीघ्र पूर्ण करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की।
बृजमोहन अग्रवाल ने समिति से आग्रह किया कि देशभर के धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर विकलांगजनों एवं महिलाओं के लिए सुरक्षित, सुलभ और समुचित नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने एक स्पष्ट राष्ट्रीय नीति और निर्देशों का प्रारूप तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा और संरचना के लिए सुनियोजित रणनीति और केंद्रीय सहयोग न केवल देश की संस्कृति को संरक्षित करेगा, बल्कि पर्यटन को भी एक नई दिशा देगा।
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