Farmer Registration AgriStack: रायपुर. आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए एग्रीस्टेक पोर्टल में फार्मर आईडी पंजीयन अनिवार्य कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ शासन ने यह निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि वही किसान अपनी सोसाइटी में धान बेच सकेंगे, जिनका पंजीयन एग्रीस्टेक पोर्टल में होगा. पंजीयन की अंतिम तिथि 30 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है. इस दौरान जिन किसानों के पास फार्मर आर्डडी नहीं है तो समर्थन मूल्य पर धान बेचने और पीएम सम्मान निधि से हाथ धोना पड़ सकता है.


एग्रीस्टेक पोर्टल, भारत सरकार की डिजिटल पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों की पहचान, भूमि रिकॉर्ड, फसल, वित्तीय और बीमा विवरण को एकीकृत कर डिजिटल डेटाबेस तैयार करना है. इसके जरिए किसान कॉमन सर्विस सेंटर या सहकारी समिति से पंजीयन कर सकते हैं. यह पूरी प्रक्रिया ई-केवाईसी आधारित होने से पारदर्शिता होती है. जिला प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे समय रहते पंजीयन कराकर योजनाओं का लाभ ले सकेंगे, 30 अगस्त तक यदि जो जिन किसानों का पंजीयन नही होगा सिर्फ उन्हे ही समर्थन मूल्य पर धान बेचने और पीएम किसान सम्मान निधि की किस्तों की पात्रता मिलेगी. गौरतलब है कि जिले में अब तक 86 हजार 983 किसानों ने फार्मर आईडी बनवा ली है, जबकि बीते वर्ष 2024-25 में 1 लाख 37 हजार 773 किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था. इसका मतलब अब तक सिर्फ 63 प्रतिशत किसानों ने प्रक्रिया पूरी की है. वहीं, पीएम किसान सम्मान निधि योजना में पंजीकृत 1 लाख 55 हजार 366 किसानों में से केवल 67 हजार 861 किसान यानी 43.68 लोगों ने ही एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन कराया है.
यह दस्तावेज देना होगा
फार्मर आईडी पंजीयन के लिए किसानों को अपनी भूमि का बी-1, ऋण पुस्तिका, आधार कार्ड और आधार लिंक मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से देना होगा. पंजीयन के पश्चात उन्हें 11 अंकों की यूनिक डिजिटल पहचान संख्या फार्मर आईडी प्रदान की जाएगी, जो सभी सरकारी योजनाओं के लिए मान्य होगी.
एग्रीस्टेक डाटा के आधार पर धान खरीदी
राज्य सरकार ने कृषि, खाद्य और राजस्व विभाग के बीच समन्वय कर इस बार पंजीयन प्रक्रिया को कठिन कर दिया है. खाद्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस बार धान खरीदी के लिए किसानों का डाटा एग्रीस्टेक की रजिस्ट्री से एपीआई के जरिए लिया जाएगा.