Rajasthan News: राजस्थान की सियासत में एक बार फिर हलचल है. अंता विधानसभा सीट अब खाली घोषित हो चुकी है, और उपचुनाव लगभग तय माना जा रहा है. चर्चा जोरों पर है कि जेल से रिहा होने के बाद नरेश मीणा इस सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.

जेल से बाहर आते ही सियासी सक्रियता
टोंक के देवली-उनियारा इलाके में पिछले साल एक SDM को थप्पड़ मारने के मामले में जेल भेजे गए नरेश मीणा आठ महीने बाद सोमवार को बाहर आए. हाईकोर्ट से 11 जुलाई को जमानत मिलने के बाद वे सीधे समरावता गांव पहुंचे और समर्थकों से मिले. उनकी सक्रियता और जनसंपर्क को देखकर राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं कि वो अब उपचुनाव की तैयारी में जुटेंगे.
सीट क्यों खाली हुई?
अंता से बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा को SDM को पिस्तौल दिखाने के मामले में सजा हो चुकी है. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने राज्य के एडवोकेट जनरल राजेन्द्र प्रसाद की रिपोर्ट के आधार पर उनकी सदस्यता रद्द कर दी. नतीजतन, अंता सीट पर उपचुनाव की स्थिति बन गई है.
नरेश मीणा और अंता सीट का कनेक्शन
नरेश मीणा लंबे समय से इस सीट पर नजर बनाए हुए हैं. खास बात यह है कि अंता में मीणा समुदाय की संख्या निर्णायक है. स्थानीय जानकार मानते हैं कि नरेश इस सामाजिक समीकरण को भुनाने की कोशिश करेंगे. दूसरी ओर, वो कई सालों से पूर्व विधायक प्रमोद जैन भाया के खिलाफ मुखर रहे हैं उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं और उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं.
कांग्रेस बनाम मीणा?
प्रमोद जैन भाया, कांग्रेस के पुराने और प्रभावशाली नेता रहे हैं. अंता सीट से विधायक रह चुके हैं और पिछली सरकार में मंत्री भी रहे. हालांकि 2023 के चुनाव में उन्हें बीजेपी के कंवरलाल मीणा से 5861 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. अब अगर नरेश मीणा चुनाव लड़ते हैं, तो मुकाबला दिलचस्प हो सकता है. कांग्रेस के भाया बनाम नरेश मीणा, जो भले ही पार्टी से न जुड़े हों, लेकिन जनता के बीच मजबूत पैठ बना चुके हैं.
भाजपा के लिए चुनौती
यह सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. 2023 विधानसभा चुनाव में यहां 80.35% मतदान हुआ था और बीजेपी के कंवरलाल मीणा ने जीत दर्ज की थी. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी के दुष्यंत सिंह ने कांग्रेस की उर्मिला जैन भाया को करीब 3.7 लाख वोटों के अंतर से हराया.
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