कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में मड़ई जामा मस्जिद विवाद ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में जांच कर रहे रांझी अनुभाग के एसडीएम और प्रभारी डिप्टी कलेक्टर आर.एस. मरावी को कलेक्टर दीपक सक्सेना ने हटा दिया है। मरावी को कलेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया गया है। उनकी जगह संयुक्त कलेक्टर ऋषभ जैन को रांझी अनुभाग के एसडीएम और अनुभाग अधिकारी (राजस्व) के साथ-साथ अनुविभागीय दंडाधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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बता दें कि यह विवाद तब और ज्यादा गहरा गया, जब कलेक्टर दीपक सक्सेना के फेसबुक पेज पर मड़ई जामा मस्जिद मामले में मस्जिद कमेटी को क्लीनचिट देने वाली जानकारी पोस्ट की गई। इस पोस्ट के बाद हिंदूवादी संगठनों ने तीखा विरोध जताया, जिसके चलते पोस्ट को हटाना पड़ा। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कलेक्टर के खिलाफ “कलेक्टर हटाओ, जबलपुर बचाओ” आंदोलन शुरू किया और कथित “एकतरफा फैसले” पर रोष व्यक्त किया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। मड़ई जामा मस्जिद का क्षेत्र रांझी अनुभाग के अंतर्गत आता है, और इस विवाद ने स्थानीय प्रशासन और समुदायों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है।

मंदिरों मस्जिद की भूमि का है विवाद

मामले की जड़ ग्राम मड़ई के खसरा नंबर 169 और 165 के बीच उलझी जमीन की कानूनी स्थिति है। हिन्दू संगठनों का दावा है कि मड़ई में बनी मस्जिद गायत्री बाल मंदिर की भूमि पर खड़ी है, जो कि खसरा नंबर 169 में दर्ज है। वहीं मस्जिद कमेटी के पास केवल खसरा नंबर 165 में 1000 वर्गफुट भूमि वक्फ नाम पर दर्ज है, जो मस्जिद के वर्तमान स्थान से लगभग 40 मीटर दूर है। विश्व हिंदू परिषद का आरोप है कि मस्जिद न केवल मंदिर की भूमि पर बनी है, बल्कि इसका निर्माण 3000 वर्गफुट क्षेत्रफल में फैला हुआ है, जिसमें अवैध दुकानों और एक मदरसे का संचालन भी शामिल है।

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