लखनऊ. भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला Axiom-4 स्पेस मिशन के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ आज धरती पर लैंड कर गए हैं. भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4 Mission) आज अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अनडॉक होने के बाद पृथ्वी पर वापस आया है. बेटे शुभांशु शुक्ला की वापसी पर उनकी मां भावुक हो गईं. पति के कंधे पर सिर रखकर रोती नजर आईं. जिस स्कूल में शुभांशु ने पढ़ाई की है, वहीं से माता-पिता ने बेटे की धरती पर लैंडिंग होते देखा. सफल लैंडिंग के बाद माता-पिता ने सीएमएस स्कूल में केक काटकर जश्न मनाया. उनकी मां आशा शुक्ला ने कहा, उत्साह अंतहीन है और हमें बहुत गर्व है. पहले हम डरे हुए थे. आने वाली पीढ़ी को भी प्रेरणा लेनी चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए.
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बता दें कि क्रू ने 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार शाम 4:35 बजे आईएसएस से अनडॉक किया था और 15 जुलाई, मंगलवार को भारतीय समयानुसार आज दोपहर 3 बजे कैलिफोर्निया के तट के निकट प्रशांत महासागर में उतारा. एक्सिओम-4 मिशन ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पैराशूट की मदद से आज दोपहर 3 बजे अमेरिका के कैलिफोर्निया के तट पर समुद्र में स्प्लैशडाउन किया है.
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स्पेस में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय
शुभांशु शुक्ला के लिए यह अंतरिक्ष यात्रा कई मायनों में खास रही. वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. इससे पहले, 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत रूस के सैल्यूट-7 मिशन के तहत अंतरिक्ष की उड़ान भरी थी. अब शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं.
इसरो ने 550 करोड़ रुपये खर्च कर भेजा था अंतरिक्ष
इस मिशन के लिए इसरो ने लगभग ₹550 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. यह मिशन इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम ‘गगनयान’ के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है, जिसे 2027 में लॉन्च किया जाना है. शुक्ला का यह अनुभव उस मिशन की तैयारी में बेहद उपयोगी साबित होगा. स्पेस से लौटने के बाद शुक्ला और उनकी टीम को सात दिनों तक पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में ढलने के लिए पुनर्वास (रिहैबिलेशन) प्रक्रिया से गुजरना होगा. वजनहीन वातावरण में रहने के बाद शरीर को फिर से सामान्य स्थिति में लाने के लिए यह जरूरी है. इस पूरी प्रक्रिया को वैज्ञानिकों की निगरानी में किया जाएगा.
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