Sawan 2025: भगवान शंकर ने काशी को क्यों दिया था श्राप? जानिये कहानी...

सावन का महीना इस साल 11 जुलाई, शुक्रवार से शुरू हो चुका है, इस बार सावन में कुल 4 सोमवार के व्रत होंगे.

सावन के हर सोमवार को भगवान शिव की पूजा और व्रत रखना बहुत खास माना जाता है.

वहीं क्या भगवान शिव के उस श्राप के बारे में जानते है जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है, चलिए जानते है 

कथा के अनुसार एक बार काशी के घाट पर भगवान शंकर के माथे की मणि और माता पार्वती के कान का कुंडल नहाते समय गिर गया. 

जोकि बहुत खोजने पर भी नहीं मिला. इससे भगवान शंकर बहुत ही ज्यादा नाराज और गुस्सा हो गए. 

भगवान भोले शंकर ने काशी को श्राप दिया की ये शमशान भूमि बन जाएगी. 

इसके बाद भगवान विष्णु कछुए का रूप धारण करके मणि और कुंडल खोज कर भगवान भोले शंकर को दिए. 

भगवान विष्णु ने शंकर जी से कहा कि प्रभु आपने जो श्राप काशी को दिया है उससे कोई भी यहां पर नहीं आएगा. 

इस पर भगवान शंकर विष्णु जी से कहते हैं कि बोली गई वाणी को नहीं बदली जा सकती, लेकिन मैं इसे वरदान देता हूं कि यहां पर जिसकी भी चिता जलेगी उसे सीधा मोक्ष मिलेगा.

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