कुंदन कुमार/ पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है। हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर विपक्ष लगातार अपनी आपत्तियां दर्ज कर रहा है। इस बीच मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने स्पष्ट किया है कि किसी भी मतदाता का नाम काटने से पहले उसे नोटिस दिया जाएगा।
जारी होगी प्रारूप मतदाता सूची
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि 1 अगस्त को मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशित किया जाएगा, जिसमें गणना प्रपत्र (Form for enumeration) भरने वाले सभी मतदाताओं के नाम शामिल रहेंगे। इसके साथ ही एक अलग सूची भी प्रकाशित की जाएगी, जिसमें स्थानांतरित, दोहरे नाम वाले और मृत मतदाताओं की पहचान की जाएगी।
दावा-आपत्ति की प्रक्रिया
इन दोनों सूचियों पर दावा और आपत्ति दर्ज करने की प्रक्रिया 1 अगस्त से 1 सितंबर तक चलेगी। सभी दावों और आपत्तियों की जांच के बाद 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा।
स्थानांतरित वोटरों की पहचान
गुंजियाल के अनुसार, बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या 7 करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 है। इनमें से अब तक 12 लाख स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं, 4 लाख 4 हजार 170 दोहरे वोटरों, और 9 लाख 9 हजार 905 मृत मतदाताओं की पहचान की जा चुकी है।
हाउस-टू-हाउस सर्वे 26 जुलाई तक
हाउस-टू-हाउस सर्वेक्षण का कार्य वर्तमान में जारी है और यह 26 जुलाई तक पूरा किया जाएगा। जिन्होंने गणना प्रपत्र जमा कर दिया है, उनका नाम प्रारूप सूची में अपने आप शामिल होगा। वहीं जिन मतदाताओं ने अब तक फॉर्म जमा नहीं किया है, वे 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच दावा-आपत्ति प्रक्रिया के माध्यम से अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं।
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