Share Market News : 16 जुलाई 2025, गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों को सुबह-सुबह झटका दे दिया. सेंसेक्स 168.23 अंक की गिरावट के साथ 82,402.67के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी भी 48.60 अंक टूटकर 25,147.20 पर लुढ़क गया. शुरुआती बढ़त के बाद बाजार में बिकवाली का दबाव तेजी से बढ़ा, खासकर ऑटो और मेटल शेयरों में.
सेंसेक्स-निफ्टी के आंकड़े : 20 स्टॉक्स में बिकवाली का दबदबा
सेंसेक्स के 30 में से 20 शेयर लाल निशान में हैं. बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसे दिग्गज 1% तक टूटे. हालांकि HDFC, ट्रेंट और अडाणी पोर्ट्स में 1% की तेजी रही.
निफ्टी के 50 में से 34 स्टॉक्स गिरावट में हैं. ऑटो, मेटल और फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स में भारी दबाव दिखा. इसके उलट, मीडिया, बैंकिंग और रियल्टी सेक्टर में 1% तक की मजबूती नजर आई.
Share Market News : ग्लोबल मार्केट का मिला-जुला संकेत
एशियाई बाजारों में आज भी अनिश्चितता हावी रही. जापान का निक्केई 0.09% गिरा जबकि कोरिया का कोस्पी 0.68% फिसला. चीन का शंघाई कंपोजिट 0.14% की गिरावट में रहा जबकि हांगकांग का हैंगसेंग 0.57% की बढ़त पर रहा.
अमेरिकी बाजारों में 15 जुलाई को डाउ जोन्स 0.98% टूटकर 44,023 पर बंद हुआ. S&P 500 में 0.40% की गिरावट रही जबकि नैस्डैक 0.18% की मामूली तेजी में रहा.
FII-DII डेटा : विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी
जुलाई में अब तक FII यानी विदेशी निवेशकों ने ₹11,778.03 करोड़ के शेयर बेचे हैं. 15 जुलाई को ही FII ने ₹120.47 करोड़ की बिकवाली की, वहीं घरेलू निवेशकों (DII) ने ₹1,555.03 करोड़ की नेट खरीदारी की.
जून में जहां FII ने ₹7,488.98 करोड़ की खरीदारी की थी, वहीं DII की तरफ से ₹72,673.91 करोड़ की भारी-भरकम खरीदारी हुई थी.
बीते दिन की तेजी के बाद आई गिरावट
15 जुलाई को बाजार में जोरदार तेजी देखने को मिली थी. सेंसेक्स 317 अंक की छलांग लगाकर 82,571 पर बंद हुआ था, वहीं निफ्टी 114 अंक की मजबूती के साथ 25,196 पर बंद हुआ था. सेंसेक्स के 30 में से 22 शेयर चढ़े थे, खासकर सन फार्मा, BEL और टाटा मोटर्स ने करीब 2% की उछाल दिखाई थी.
NSE के सभी सेक्टर्स में तेजी दिखी थी, जिसमें ऑटो ने सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए 1.5% की बढ़त हासिल की थी.
Share Market News : बाजार को लेकर आगे क्या रहेगी रणनीति?
FII की बिकवाली और ग्लोबल अनिश्चितता बाजार में उठापटक का मुख्य कारण बन रही है. ऑटो और मेटल सेक्टर जैसे सेंसिटिव इंडेक्स में गिरावट से संकेत मिलते हैं कि बाजार अब डेटा-सेंसिटिव जोन में पहुंच चुका है. निवेशकों को सतर्क रहकर स्टॉपलॉस के साथ ट्रेडिंग करनी चाहिए और फंडामेंटली मजबूत स्टॉक्स में ही पोजीशन बनानी चाहिए.
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