लखनऊ. जमालुद्दीन उर्फ छांगुर की मदद में अफसरों की संदिग्ध भूमिका को लेकर एजेंसियों जांच शुरू कर दी है. एटीएस और एसटीएफ की जांच के दायरे में अब कुछ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी आ गए हैं. जमालुद्दीन उर्फ छांगुर से पूछताछ के दौरान चार अफसरों के नाम सामने आए हैं, जो वर्ष 2019 से 2024 के बीच बलरामपुर में तैनात रहे थे. इनमें एक एडीएम, दो सीओ और एक इंस्पेक्टर शामिल हैं.
एसटीएफ की गोपनीय जांच में इन अफसरों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. छांगुर की रिमांड के दौरान यह जानकारी सामने आई कि ये अधिकारी उसके इशारे पर कार्य करने को तैयार रहते थे. हालांकि यह भी जांच का विषय है कि छांगुर ने इन नामों को जानबूझकर फंसाने की नीयत से लिया, या फिर वास्तव में उनकी कोई भूमिका रही है.
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जांच एजेंसियां सबूतों की तस्दीक कर रही है. अधिकारियों के संबंध में पुख्ता साक्ष्य जुटाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित हो सके. इस बीच, छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन की 7 दिन की कस्टडी रिमांड बुधवार को खत्म हो रही है. शाम 6 बजे तक दोनों को जेल भेजे जाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. जांच एजेंसियों का कहना है कि पूरी पड़ताल तथ्यों के आधार पर की जा रही है. जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी.
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