कोटा। दीगोद थाना क्षेत्र में सोमवार को हुए दर्दनाक हादसे के बाद अब भी तीन युवकों का कोई पता नहीं चल पाया है. चंबल नदी में अचानक आए तेज बहाव में कुल छह युवक बह गए थे. इनमें से तीन के शव अब तक बरामद किए जा चुके हैं, जबकि बाकी तीन की तलाश के लिए प्रशासन ने ड्रोन कैमरों की मदद लेनी शुरू कर दी है.

ड्रोन और कई टीमें जुटीं तलाश में

दीगोद उपखंड अधिकारी दीपक महावर ने बताया कि लापता युवकों की खोज में करीब 50 जवान, दो एसडीआरएफ और एक एनडीआरएफ टीम लगातार जुटी हुई है. पांच नावों की मदद से लगभग 15 किलोमीटर तक नदी के इलाके में तलाशी अभियान चल रहा है. अब ड्रोन कैमरों के जरिए ऊपर से निगरानी रखी जा रही है ताकि सर्च ऑपरेशन को तेजी दी जा सके.

अभी तक नहीं मिले ये तीन युवक

अब तक जिन युवकों की तलाश जारी है, उनके नाम संजय (18) पुत्र रविंद्र मेघवाल, रमेश (35) पुत्र सूरजमल मेघवाल और देवकीनंदन (19) पुत्र भीमराज कोली बताए गए हैं. परिजन लगातार नदी किनारे डटे हुए हैं और किसी चमत्कार की उम्मीद लगाए हुए हैं.

चश्मदीद ने बताया हादसे का मंजर

इस हादसे में बच गए बंशीलाल मेघवाल ने घटना के दर्दनाक पल बयां किए. उन्होंने बताया,

“हम लोग सोमवार सुबह पिकनिक के लिए नदी किनारे गए थे. बीरज चौथ माता मंदिर के पास चट्टानों पर बैठकर खाना खा रहे थे. दोपहर तक पानी का स्तर बढ़ने लगा और तेज लहरों ने हमें चारों तरफ से घेर लिया. बाहर निकलने की कोशिश की तो पहले आशु, रमेश और धर्मराज बह गए. फिर पांचूलाल भी बह गया. मैंने किसी तरह तैरकर पास के टापू पर शरण ली और बाद में रेस्क्यू टीम ने मुझे निकाला. पर मेरी आंखों के सामने मेरे दोस्त एक-एक कर पानी में समा गए, वो नजारा भुलाया नहीं जाता.”

इस हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है. प्रशासन की टीमें अब भी लापता युवकों की तलाश में लगी हैं. ग्रामीण और परिजन प्रार्थना कर रहे हैं कि उनके बच्चों का कोई सुराग जल्द मिले.

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