रायपुर. सदन में आज भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाले का मामला गूंजा. भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने मुद्दा उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की. इस मामले पर राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा, भारतमाला प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण योजना है. भू-अर्जन की प्रक्रिया में गड़बड़ियां हुई है. लगातार कार्रवाई और जांच जारी है. शासकीय अधिकारी, कर्मचारियों पर भी कार्रवाई हुई है. इसमें किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा. घोटाले में शामिल सभी छोटे-बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई होगी. हमारी ईओडब्ल्यू की टीम सक्षम है. सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है.

भाजपा विधायक धरम लाल कौशिक ने कहा कि भारतमाला में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. बिलासपुर संभाग में भी बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हुआ है. मामले में अभी छोटे लोगों की गिरफ्तारी हुई है. बड़े लोगों कार्रवाई से बचे हुए हैं. इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि ईओडब्ल्यू जांच कर रही है. राज्य की जांच एजेंसी सक्षम है.

विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि निजी भूमि अधिग्रहण के तहत गांवों में 500 वर्गमीटर से कम भूमि का मुआवजा ज्यादा तो 500 वर्गमीटर से अधिक की भूमि पर कम मुआवजा मिलता है. आमतौर पर यह देखने पर पाया गया है कि एक एकड़ भूमि का मुआवजा 20 लाख होगा तो इसे टुकड़ों में बांटकर 500 वर्गमीटर से कम कर दिया जाए तो कुल मुआवजा लगभग 1 करोड़ हो जाता है. इसी को दृष्टिगत रखते हुए भारतमाला प्रोजेक्ट में कई जिलों में भूमि घोटाला गड़बड़ी सामने आई है.

भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि राजस्व विभाग के अधिकारियों ने प्रॉपर्टी डिलिंग का कार्य करने वाले एवं अन्य लोगों के साथ मिलकर 1 जमीन को राजस्व अभिलेखों में कूटरचना, अविधिक रूप से दर्ज नामातांरण, बटवारा कर फर्जी तरीके से 6-10 लोगों के नाम दर्ज कर शासन को करोड़ो रुपए का नुकसान पहुंचाया है. जिन लोगों की जमीनें नहीं थी, उन्हें भी कागजों में भूस्वामी बताकर करोड़ों रुपए का बंदरबाट किया गया है.

धरमलाल कौशिक ने कहा कि इन घोटालों में उच्च पदस्थ अधिकारियों के द्वारा भी अपने मातहत अधिकारी – कर्मचारियों से नियम विरूद्ध दबाव बनाकर कर भी इन अनियमितता को कराया है. प्रदेश में लगभग सभी निजी भूमि के भू-अर्जन प्रकरणों की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए. इस पर उच्च स्तरीय जांच न होने के कारण प्रदेश में आमजन में रोष है.

राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब में कहा कि भारतमाला परियोजना अंतर्गत किए गए भूमि अर्जन के मुआवजा निर्धारण एवं वितरण में अनियमितता किए जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं. इन पर कार्यवाही करते हुए संभागायुक्तों के माध्यम से दल गठित करके संपूर्ण भूमि अर्जन की जाँच कराई जा रही है, जो कि प्रक्रियाधीन है. इसके साथ अनियमितता में शासकीय कर्मचारियों के साथ निजी व्यक्तियों की भी संलिप्तता पाए जाने पर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण-एन्टी करप्शन ब्यूरो से जाँच कराई जा रही है.

अब तक की जांच में प्रकरण में संलिप्तता व साक्ष्य के आधार पर 8 गैर लोक सेवक तथा 10 लोक सेवकों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें से 8 गैर लोक सेवकों तथा एक लोक सेवक और एक सेवानिवृत्त लोक सेवक आरोपियों को गिरफ्तार कर कुल 10 आरोपियों को जेल निरूद्ध की कार्यवाही की गई है.

मंत्री ने बताया कि 8 आरोपियों के विरूद्ध विशेष न्यायालय रायपुर से स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी कराया गया है, जिसमें में 6 आरोपियों का न्यायालय द्वारा उद्घोषणा जारी किया गया है. एक आरोपी को उच्चतम द्वारा अंतरिम राहत प्रदान की गई है, वहीं एक आरोपी के विरूद्ध साक्ष्य संकलन जारी है. इस प्रकार उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही कर अन्य आरोपियों के विरूद्ध विवेचना जारी है.