Rining Temple Bell: मंदिरों में प्रवेश करते ही सबसे पहले श्रद्धालु घंटी बजाते हैं. आमतौर पर इसे पूजा की शुरुआत या धार्मिक परंपरा का हिस्सा माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह घंटी सिर्फ एक संकेत नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का माध्यम भी होती है?
प्राचीन ग्रंथों और ध्वनि विज्ञान के अनुसार, अलग-अलग देवी-देवताओं के लिए घंटी की ध्वनि का प्रभाव भी अलग होता है. हर देवता एक विशेष ध्वनि तरंग (फ्रीक्वेंसी) से जुड़ा होता है, जो उसे ‘जाग्रत’ या ‘प्रसन्न’ करती है.
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Rining Temple Bell
भगवान शिव: नाद का मूल स्रोत
शिव को नाद (ध्वनि) का मूल स्रोत माना गया है. शिव मंदिरों में घंटियों की ध्वनि सामान्यतः गहरे स्वर में होती है. यह कंपन ध्यान और आत्ममौन को जाग्रत करता है.
ध्वनि प्रभाव: मानसिक शांति, शून्यता और समाधि जैसी स्थिति उत्पन्न करता है.
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भगवान विष्णु: संतुलन और स्थिरता
विष्णु मंदिरों में बजने वाली घंटियों की गूंज मध्यम और स्थिर होती है. यह मन को शांत और केंद्रित करने में मदद करती है.
ध्वनि प्रभाव: धैर्य, सकारात्मक सोच और भक्तिभाव को बढ़ावा देती है.
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मां दुर्गा: शक्ति और जागरण
शक्ति की देवी दुर्गा के मंदिरों में बड़ी और तीव्र स्वर वाली घंटियां प्रयोग में लाई जाती हैं. इनकी ध्वनि भीतर की सुप्त ऊर्जा को जाग्रत करती है.
ध्वनि प्रभाव: साहस, सुरक्षा और सक्रियता का संचार करती है.
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