पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। किसी व्यक्ति का जीवनभर का सपना होता है, उसका अपना एक घर. लेकिन जब उसका बेटा ही उसे बेदखल कर उस घर पर कब्जा करके बैठ जाए तब… ऐसे हालात में 80 वर्षीय बुजुर्ग जिला मुख्यालय के गांधी चौक पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गया है. सुबह से अन्न-जल नहीं ग्रहण करने वाले बुजुर्ग को प्रशासनिक अधिकारियों ने कल ही घर पर कब्जा दिलाने का वायदा किया है.
यह भी पढ़ें : भू-विस्थापित महिलाओं का एसईसीएल कार्यालय में अर्द्धनग्न प्रदर्शन, कर रही हैं रोजगार की मांग…
बात हो रही है घर से बेघर किए गए 80 वर्षीय बुजुर्ग अहमद बेग. मैनपुर से 45 किमी दूरी तय कर न्याय मांगने जिला मुख्यालय पहुंचे अहमद बेग ने बताया कि उन्होंने 25 डिसमील जमीन पर उन्होंने घर बनाया है, जिसका बंटवारा उन्होंने नहीं किया है. लेकिन उनके बड़े बेटे साजिद ने उन्हें ही घर से बेदखल कर दिया है. अब अपने घर पर कब्जा पाने के लिए जिला मुख्यालय आए हैं. बुजुर्ग अहमद बेग की इस जद्दोजहद में उनके छोटे बेटे-बहू के अलावा उनकी बेटी साथ दे रही है.

तहसीलदार ने दिया आश्वासन
बुजुर्ग भूख हड़ताल के बाद गांधी चौक धरना स्थल पर मैनपुर तहसीलदार रमेश मेहता पहले से पहुंचे थे. कलक्टर के निर्देश पर गरियाबंद तहसीलदार चितेश देवांगन के नेतृत्व में राजस्व अमला पहुंचा. बुजुर्ग को आश्वासन दिलाया गया कि कल किसी भी हाल में उन्हें घर पर कब्जा दिला दिया जाएगा.

पहले भी कराया था कब्जा मुक्त
मैनपुर तहसीलदार रमेश मेहता ने बताया कि पहले भी अहमद बेग को कब्जा दिलाया गया था. लेकिन वे कुछ दिन के लिए जब बाहर धार्मिक कार्य से निकले तो बेटे साजिद ने दोबारा कब्जा कर लिया है. हमें अवसर दिए बिना भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. कल उन्हें कब्जा दिला दिया जाएगा.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें