कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर जिला सत्र न्यायालय ने फर्जी नियुक्ति पत्र मामले में दोषियों की अपील को खारिज कर दिया है। जिसके बाद फर्जीवाड़े के तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया। यह मामला फर्जी नियुक्त पत्र बनाकर परिवहन निगम में नौकरी से जुड़ा है।

दरअसल, 2001 में परिवहन निगम में नौकरी की थी। सुरेंद्र सिंह, हरदीप सिंह, राम प्रकाश शर्मा ने फर्जी नियुक्ति पत्र से यह नौकरी हासिल की थी। 2001 में तीनों के खिलाफ FIR हुई थी। 2022 में आरोपियों को कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी। सजा के आदेश को सत्र न्यायालय में चुनौती दी गई।

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दोषियों की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि साक्षी ने आरोपीगणों की पहचान नहीं की है। यहां तक की साक्षियों का प्रतिपरीक्षण बचाव पक्ष की ओर से नहीं हो सका। ऐसे में दोष सिद्धि अवैध है। सेशन कोर्ट ने दलील को खारिज करते हुए कहा कि प्रकरण काफी पुराना है इतने लंबे समय में किसी व्यक्ति की पहचान करना बहुत कठिन होता है।

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कोर्ट ने यह भी कहा कि मानव की मेमोरी इतनी सटीक नहीं की 10 साल पुराने किसी व्यक्ति को सही पहचान सके। लेकिन डॉक्यूमेंट तैयार कर जो कार्रवाई की गई उससे साफ होता है कि दोषियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की थी। ऐसे में कोर्ट ने दोषियों की अपील खारिज कर सजा को बरकरार रखा।

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