Rajasthan News: श्रावण मास के बीच जालोर में धार्मिक और सियासी तनाव एक साथ उभरकर सामने आ गया है। तखतगढ़ धाम भारत माता मंदिर के संत अभयदास महाराज को शनिवार को जब पुलिस ने बायोसा मंदिर जाने से रोका, तो उन्होंने सीधा ऐलान कर दिया अब आमरण अनशन होगा, और तब तक खत्म नहीं होगा जब तक मुख्यमंत्री खुद नहीं आते।

क्या है मामला ?
अभयदास महाराज समरसता चातुर्मास महोत्सव के दौरान कथावाचन कर रहे थे। शनिवार को वो अपने समर्थकों के साथ बायोसा मंदिर जाने निकले, लेकिन पुलिस ने उन्हें दुर्ग की तलहटी पर रोक दिया। भीड़ ने जबरन प्रवेश की कोशिश की तो हल्की झड़प हुई, और पुलिस ने भीड़ को पीछे धकेल दिया।
इसके बाद महाराज नाराज होकर भीनमाल बाईपास से होते हुए कालका कॉलोनी पहुंचे और वहां एक समर्थक के घर की छत पर चढ़ गए। यहीं उन्होंने अन्न-जल त्याग का ऐलान किया और कहा, जब तक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनके मंत्री मेरे साथ पैदल चलकर मंदिर नहीं जाएंगे, मैं यहां से नहीं हटूंगा।
प्रशासन पर आरोप
अभयदास महाराज ने साफ तौर पर प्रशासन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, अगर मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग जालोर में होते, तो ऐसा अपमान नहीं होता। मेरे कपड़े फाड़े गए, समर्थकों पर लाठियां चलाई गईं। यह अत्याचार है।
मंदिर को लेकर बयान बना विवाद
हाल ही में एक वीडियो में अभयदास महाराज ने कहा था कि बायोसा मंदिर पहले संस्कृत पाठशाला हुआ करता था और वहां गरबा भी होता था। अब वहां के परिक्रमा द्वार बंद रहते हैं, और कोई गतिविधि नहीं होती। इस बयान को लेकर कुछ स्थानीय संगठनों ने नाराजगी जताई थी, जिससे मामला गरमा गया। पुलिस ने तनाव की आशंका के चलते उन्हें मंदिर जाने से रोका, लेकिन ये रोक अब सीधे आमरण अनशन में बदल चुकी है।
हालात तनावपूर्ण, भारी पुलिस बल तैनात
इस वक्त कालका कॉलोनी में भारी पुलिस जाप्ता तैनात है। मकान को चारों ओर से घेर लिया गया है। समर्थकों का दावा है कि महाराज की तबीयत बिगड़ रही है। वहीं, हिंदू संगठनों में नाराजगी है और कुछ स्थानों पर प्रदर्शन की तैयारी चल रही है।
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