Paarthiv Shivling Puja in Sawan: क्या आप जानते हैं कि सावन में पार्थिव शिवलिंग, यानी मिट्टी के शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं? यह साधना इतनी प्रभावशाली है कि शास्त्रों में कहा गया है, एक बार पार्थिव शिवलिंग का पूजन सौ वर्षों की तपस्या के बराबर फल देता है.

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Paarthiv Shivling Puja in Sawan

Paarthiv Shivling Puja in Sawan: सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा क्यों है खास? जानें नियम और इसके चमत्कारी लाभ

पार्थिव शिवलिंग का अर्थ (Paarthiv Shivling Puja in Sawan)

पार्थिव’ का मतलब होता है मिट्टी से बना हुआ. यह शिवलिंग एक ही दिन की पूजा के लिए बनाया जाता है और पूजा के बाद इसका विसर्जन कर दिया जाता है.

किसी पवित्र स्थान की मिट्टी लें, जैसे तुलसी के नीचे की या गंगा तट की. उसमें थोड़ी गंगाजल मिलाएं और अपने हाथों से, अंगूठे व उंगलियों की सहायता से शिवलिंग बनाएं. शिवलिंग को तांबे या मिट्टी की थाली में रखें.

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पूजा की विधि (Paarthiv Shivling Puja in Sawan)

शिवलिंग को पंचामृत और फिर गंगाजल से स्नान कराएं. बेलपत्र, धतूरा, भस्म, सफेद पुष्प, भांग, चंदन और अक्षत चढ़ाएं. “ॐ नमः शिवाय” या महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें. दीप जलाएं और अंत में शिव आरती करें.

सावन में क्यों करें ये पूजा? (Paarthiv Shivling Puja in Sawan)

सावन शिव का महीना है. इस महीने में पार्थिव शिवलिंग की पूजा से रोग, बाधा, दरिद्रता, विवाह में विलंब जैसी समस्याएं दूर होती हैं. यह पूजा मन की शांति और इच्छाओं की पूर्ति का अद्भुत माध्यम है. हर दिन नया शिवलिंग बनाएं और पूजन के बाद उसे बहते जल में विसर्जित करें. मिट्टी के शिवलिंग को कभी भी स्थायी रूप से न रखें.

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