Akash Prime Missile: भारत ने अपनी वायु सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है. ‘आकाश प्राइम’ मिसाइल का सफल परीक्षण लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाके में किया गया है. यह मिसाइल पूरी तरह से देश में बनी स्वदेशी तकनीक पर आधारित है और इसे खासतौर पर 4,500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में काम करने के लिए तैयार किया गया है.
यह जानकारी रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को दी. इस टेस्ट को ऐसे समय पर अंजाम दिया गया है जब हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत की एयर डिफेंस सिस्टम ने शानदार प्रदर्शन किया था. ऐसे में आकाश प्राइम की यह सफलता और भी अहम मानी जा रही है.
Also Read This: CM रेखा गुप्ता के जन्मदिन पर PM मोदी ने दी शुभकामनाएं, बोले- ‘उनके लंबे और स्वस्थ्य जीवन की कामना करता हूं’

LAC के पास ऊंचाई वाले इलाके में हुआ परीक्षण (Akash Prime Missile)
इस परीक्षण को 16 जुलाई को लद्दाख में भारतीय सेना की मौजूदगी में अंजाम दिया गया. इसमें मिसाइल ने दो तेज रफ्तार मानवरहित हवाई लक्ष्यों को सफलतापूर्वक गिराया. खास बात ये रही कि यह परीक्षण वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास ऊंचे पहाड़ी इलाके में हुआ, जहां यह मिसाइल बेहद सटीक निशाना लगाने में कामयाब रही.
Also Read This: Google और Meta पर शिकंजा,ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले में ED ने भेजा नोटिस
आधुनिक तकनीक से तैयार की गई है यह मिसाइल (Akash Prime Missile)
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ‘आकाश प्राइम’ को विशेष रूप से ऊंचाई वाले और कठिन भौगोलिक इलाकों में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें देश में विकसित किया गया अत्याधुनिक रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर लगाया गया है, जो इसे ज्यादा सटीक और कारगर बनाता है.
सेना से मिले फीडबैक के आधार पर इस सिस्टम में कई तकनीकी सुधार किए गए हैं. इसकी मारक क्षमता और लक्ष्य भेदने की सटीकता पहले से कहीं ज्यादा बेहतर हो गई है.
Also Read This: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा दावा, कहा- ‘मुझे लगता है भारत-पाकिस्तान जंग में 5 लड़ाकू विमान मार गिराए थे’
रक्षा मंत्री ने दी बधाई (Akash Prime Missile)
इस उपलब्धि पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, भारतीय सेना और सभी रक्षा साझेदारों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह सफलता भारत की वायु रक्षा क्षमता को खासकर ऊंचे इलाकों में और मजबूत बनाएगी. यह भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता का भी प्रमाण है.
जल्द सेना में होगी तैनाती (Akash Prime Missile)
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह परीक्षण ‘आकाश प्राइम’ के पहले प्रोडक्शन मॉडल के तहत किया गया था. अब इसके सफल परीक्षण के बाद यह मिसाइल जल्द ही भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हो सकती है. इससे भारत की पर्वतीय सीमाओं पर हवाई सुरक्षा और भी मज़बूत हो जाएगी.
यह परीक्षण इस बात का संकेत है कि भारत अब न केवल स्वदेशी तकनीक में आत्मनिर्भर हो रहा है, बल्कि कठिन और ऊंचे इलाकों में भी दुश्मन के हवाई खतरों से निपटने में पूरी तरह सक्षम हो चुका है.
Also Read This: केंद्र-महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- ‘आखिरी मौका है,नई अदालतें बनाकर सुनवाई करो वरना…’
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें