शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में स्नेक बाइट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। एमपी स्नेक बाइट रिपोर्ट 2025 में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस साल जनवरी से जुलाई तक के 7 महीनों में प्रदेश भर में 4205 लोग सर्पदंश का शिकार हुए हैं। यह आंकड़े एम्बुलेंस 108 की ताजा रिपोर्ट से सामने आए हैं, जो केवल उन मरीजों के हैं, जिन्हें एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया।
स्नेक बाइट की सबसे ज्यादा मामले सागर जिले में
सबसे ज्यादा स्नेक बाइट की घटनाएं सागर जिले में दर्ज की गई हैं, जहां 311 लोग सांप के काटने का शिकार बने। इसके बाद रीवा में 223, कटनी में 179, दमोह में 163, छिंदवाड़ा में 151 और ग्वालियर में 144 मामले सामने आए हैं। वहीं, स्नेक बाइट के सबसे कम मामले श्योपुर जिले में दर्ज हुए, जहां केवल 18 लोग सर्पदंश का शिकार हुए। इसके अलावा शुजालपुर में 19, उज्जैन और हरदा में 23-23, बुरहानपुर में 25 और नीमच में 29 मामले सामने आए हैं।
प्रदेश में हर साल सर्पदंश से ढाई हजार से ज्यादा लोगों की मौत
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 2024 में जून तक 4,993 लोगों को सांप ने काटा था, जबकि इस साल 2025 में यह आंकड़ा 4,205 है, जो पिछले साल की तुलना में 728 कम है। फिर भी, प्रदेश में हर साल सर्पदंश से ढाई हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है, जो एक गंभीर समस्या बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के दौरान सांपों की सक्रियता बढ़ने और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी के कारण ये मामले बढ़ रहे हैं।
झाड़-फूंक जैसे अंधविश्वासों से बचकर समय पर जाए अस्पताल
सरकार ने सर्पदंश को स्थानीय आपदा घोषित कर जागरूकता अभियान शुरू करने और सर्प मित्रों की तैनाती जैसे कदम उठाए हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि सांप काटने पर तुरंत अस्पताल जाएं और झाड़-फूंक जैसे अंधविश्वासों से बचें, क्योंकि समय पर इलाज से सर्पदंश का 100% उपचार संभव है।
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