बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के तहसीलदार और नायब तहसीलदार संसाधनों की भारी कमी से परेशान हैं. इसी मुद्दे को लेकर छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने पूरे प्रदेश में एक साथ मोर्चा खोल दिया है. 18 जुलाई को बिलासपुर में जिला अध्यक्ष प्रकाश चंद साहू के नेतृत्व में संघ के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को 17 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा. यह ज्ञापन मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री के नाम भेजा गया है.


संघ ने साफ चेतावनी दी है कि यदि 26 जुलाई 2025 तक कोई ठोस पहल नहीं होती, तो 28 जुलाई से चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा.
क्यों उठाना पड़ा आंदोलन का रास्ता?
संघ का कहना है कि तहसील कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों को मानवीय संसाधन, तकनीकी सुविधाएं, सुरक्षा व्यवस्था और शासकीय वाहनों जैसी बुनियादी जरूरतों के अभाव में गंभीर दिक्कतें आ रही हैं. कई बार शासन और विभाग को ज्ञापन देने के बावजूद समस्याओं का समाधान नहीं हुआ.
आंदोलन का कार्यक्रम
📌 21 से 26 जुलाई – निजी संसाधनों से काम पूरी तरह बंद
📌 28 जुलाई – जिला स्तर पर सामूहिक अवकाश और विरोध
📌 29 जुलाई – संभाग व राज्य स्तर पर सामूहिक अवकाश व प्रदर्शन
📌 30 जुलाई – राजधानी में सामूहिक अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन
📌 समाधान न मिलने पर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की चेतावनी
मुख्य मांगें
- सभी तहसीलों में स्वीकृत पदों पर तत्काल नियुक्ति
- तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर 50:50 के अनुपात में पदोन्नति
- नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित घोषित करना
- ग्रेड पे में शीघ्र सुधार
- सभी तहसीलों में शासकीय वाहन या वाहन भत्ता उपलब्ध कराना
- बिना वैध प्रक्रिया के निलंबित अधिकारियों की शीघ्र बहाली
- न्यायालयीन आदेशों पर अनावश्यक FIR और मीडिया ट्रायल पर रोक
- तकनीकी कार्यों के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर की नियुक्ति
- सुरक्षा कर्मियों और मोबाइल डिवाइस की सुविधा
संघ ने कहा है कि शासन यदि समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाता, तो उन्हें मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा.
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