नई दिल्ली. टीवी चैनलों के एक्जिट पोल में एनडीए को बहुमत मिलने के बाद से ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका से विपक्षी दल घिरे हुए हैं. कांग्रेस सहित 22 दलों ने मुख्य चुनाव आयुक्त से ईवीएम से पहले वीवीपेट की पर्चियों की गणना की मांग की थी. चुनाव आयोग की बुधवार को हुई बैठक में विपक्ष की इस मांग खारिज कर दिया गया. आयोग ने मतगणना प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया है.
गौरतलब है कि कांग्रेस सहित 22 विपक्षी दलों ने मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर ईवीएम की गणना से पहले वीवीपेट की पर्चियों की गणना की मांग की थी. विपक्षी दल के नेताओं का कहना था कि वीवीपेट के गणना में अगर किसी प्रकार का अंतर मिलता है, तो सभी वीवीपेट की पर्चियों की गणना की जाए. इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने अन्य सदस्यों के साथ बुधवार को बैठक कर निर्णय लेने का आश्वासन दिया था.
मतगणना केंद्रों में कर रहे निगरानी
एनडीए को बढ़ते मिलने की संभावना से विपक्षी दल मतगणना से पहले सक्रिय हो चुके हैं. विपक्षी दलों के कार्यकर्ता कहीं स्ट्रांग रूम की दिन-रात चौकसी में लगे हैं, तो कहीं दूरबीन लेकर स्ट्रांग रूम के चप्पे-चप्पे की निगरानी कर रहे हैं. सबसे ज्यादा घमासान बिहार में मचा है, जहां कांग्रेस और लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल मिलकर भजपा और नीतीश कुमार की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के खिलाफ अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं. बिहार के पटना और वैशाली में आरजेडी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता स्ट्रांग रूम के सामने 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं.
कुशवाहा ने दी खून-खराबे की चेतावनी
एक्जिट पोल में एनडीए को बहुमत या बहुमत के करीब बताए जाने से विपक्षी दलों के चिंता किस कदर है, इसका अंदाजा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बयान से लग जाता है, जिसमें उन्होंने धमकी दी है कि नतीजों में गड़बड़ी हुई तो सड़कों पर खून बहेगा क्योंकि जनता गलत नतीजों को बर्दाश्त नहीं करेगी. कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी ईवीएम के जरिए नतीजों को प्रभावित करना चाहती है, और अगर ऐसा हुआ तो हिंसा की संभावना है. उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद सामने आए एग्जिट पोल भी भाजपा की साजिश की हिस्सा है.