Bilaspur News- बिलासरपुर. छेरकाबांधा स्थित वेलकम डिस्टलरी ने सोमवार तक जलकर का बकाया 88 करोड़ रूपए जमा नहीं कराया तो प्रशासन संस्थान पर ताला जड़ेगा. तहसीलदार ने इस संबंध नोटिस जारी कर दिया है. छेरकाबांधा में स्थित वेलकम डिस्टलरी प्रा. लि.वर्षों से विवादों में घिरा हुआ है. जहरीले अपशिष्ट से मवेशियों की मौत और बीमार होने तथा गांवों की जमीन दलदल में तब्दील और फैक्ट्री से निकलती जहरीली हवा ने पूरे इलाके को संकट में डाल दिया है.
वहीं, 27 वर्षों से बिना अनुबंध सरकारी जल का दोहन कर यह फैक्ट्री 90 करोड़ रुपये से अधिक का जलकर बकाया है. प्रशासनिक नोटिसों की फाइलें तो भरी पड़ी हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई. जब मामला विधानसभा में गूंजा, तो प्रशासन हरकत में आया है. लेकिन अब तक कार्रवाई के नाम पर प्रशासन सिर्फ स्याही बहा रहा है. जिले में कोटा विकास खण्ड के रतनपुर तहसील के अंतर्गत ग्राम छेरकाबांधा में संचालित वेलकम डिस्टलरी प्रा. लि. अब सिर्फ शराब नहीं, जहर भी उगल रही है और वह भी बीते 27 वर्षों से सरकारी पानी से उपयोग कर रही है. जहां एक ओर ग्रामीण गंदे पानी से दम घोंटते हैं मवेशी बीमार और मर भी रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन की मशीनरी मानो चीर निद्रा में सोई हुई है.


तीन दर्जन गांव के लोग प्रदूषण से परेशान
छेरकाबांधा, खरगहनी, खुरदुर, जोगीपुर, कलारतराई, बांकीघाट, सिलदहा, भैसाझार, पीपरतराई, लाटीघाट, पीपरपारा, नवापारा, चांदापारा, उदरभरा, भौराकापा, कलारतराई, अमाली, कोटा नगर पंचायत के सभी वार्ड, रतनपुर नगर पंचायत के 15 वार्ड, जूना शहर, भेनवापारा, मेंड्रापारा, बोरीबंद, कलमीटार, खरहना, लमेर, पथरी तथा मोहभट्ठा के अलावा अनेक गांव प्रदुषित हवा और आस पास के दर्जन भर गांव में प्रदुषित पानी से प्रभावित हो रहे हैं.
अफसर आते गए, नोटिस जाते गए, वसूली आज भी बाकी
1998 में छेरकाबांध में वेलकम डिस्टलरी की फैक्ट्री स्थापित हुई, तब से लेकर आज तक फैक्ट्री ने बिना अनुमति और अनुबंध के जल दोहन कर रहा है. इस दरीमियान जल संसाधन विभाग ने सरचार्ज सहित लगभग 90 करोड़ का बिल जारी किया है लेकिन फूटी कौड़ी की दूसली नहीं हो सकी. खास बात यह है कि कोटा में इस दरमिचान 44 एसडीएम लगभग 3 दर्जन तहसीलदार आए और चले गए अब 45वे एसडीएम के तौर पर नितिन तिवारी पदस्थ है सदन में मामला उठा तो अब आरआरसी जारी कर राशि वसूली के तहसीलदार को निर्देश दिए है.
दो एकड़ जमीन दलदल और प्रदुषित
फैक्ट्री द्वारा बहाए जा रहे अपशिष्ट से ख.नं. 397/1, 766, 74/1, 74/2 की वनभूमि लगभग 1 एकड़ 79 डिसमल में हर मौसम में वेलकम डिस्टलरी के प्रदुषित पानी की बजह से पूरी तरह गोली रहती है और कई जगह दलदल बन चुकी है. वहीं फैक्ट्री की गाद को खसरा नंबर में बिना सुरक्षा के खुले में फेंका जा रहा है, जिससे पूरा क्षेत्र एक विषाक्त हो चुफा है. इसके अलावा आस पास के इलाका पानी सूखने के दलदल हो गया है वह मिट्टी जो इंसान और जानवर दोनों के लिए खतरनाक है.
पर्यावरण एनओसी का पता नहीं
प्रशासन ने फैक्ट्री को 12 जून तक संपूर्ण दस्तावेज, लाइसेंस व पर्यावरणीय अनुमति पत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. एसडीएम कोटा द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि यदि दस्तावेज नहीं दिए गए, तो फैक्ट्री संचालन पर रोक लगाने की बात कही गई थी लेकिन इस बात को गुजरे एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अब तक न तो रोक लगी और न ही विभाग ने इसको लेकर स्पष्ट किया है.