Bastar News Update: जगदलपुर. शहर से सटा आसना और इस गांव में बसा है आसना पार्क. इसी आसना पार्क के भीतर बने हुए जनजातीय बसाहट को दर्शाने वाले एक एरिया को इन दिनों आम दर्शकों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. प्रतिबंधित किए जाने वाले इस बोर्ड के आसपास कंटीले तार व झाड़ियों को खोंच कर आवाजाही को रोक दिया गया है. इस प्रतिबंध को लेकर वहां कार्यरत महिला समूह की सदस्यों से पूछताछ की गई तो रोचक बातें पता चली हैं.
पार्क की देखभाल करने वाली समूह की महिलाओं ने बताया कि पार्क के इस हिस्से में सूनापन रहता है. इसकी वजह से कुछ युवा जोड़े यहां अनैतिक कृत्य करते देखे गए हैं. समझाइश के बाद भी वे नहीं मानते है. बीते दिनों ऐसी ही एक घटना यहां घटित हुई. पार्क भ्रमण करने आए एक युवक ने एक युवती के साथ इस जंगल के सूनेपन का फायदा उठाते हुए अनाचार को अंजाम दे दिया. इसकी शिकायत बस्तर थाना में दर्ज की गई है. युवती के कथन की पुष्टि के लिए थाना से पुलिस आई व इस एरिया में चल रही अनैतिक गतिविधियों को रोकने कहा गया.


भालु की चहलकदमी को देख भागा जोड़ा
इसके बाद भी युवाओं का जोड़ा यहां चहलकदमी करने पहुंचता रहा था. बीते सप्ताह जब ऐसे ही एक जोड़ा इस इलाके में मौजूद था तो उन्हें दूर भालु नजर आ गया. भालु को देखते ही यह जान बचाने के लिए पार्क से बाहर की ओर भागे. इसकी जानकारी महिला समूह को दी गई. इस महिला समूह ने इसकी जानकारी वन विभाग तक पहुंचाई. वन अमले ने आकर पार्क का चप्पा-चप्पा तलाश किया. भालु तो नजर नहीं आया पर उन्होंने महिला समूह को हिदायत दी कि इस कोने में किसी को न जाने दिया जाए. इसके बाद आनन- फानन में इस एरिया को प्रतिबंधित कर दिया गया है. ज्ञात हो कि इस एरिया को डेवलप करने वन मंडल ने पचास लाख रुपए से अधिक खर्च किया था. इस पचास लाख के खर्च के अवशेष अब भी देखे जा सकते हैं.
2.57 लाख के गांजा के साथ तस्कर गिरतार
जगदलपुर. लोहंडीगुड़ा पुलिस को गांजा तस्करों के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है. ग्राम तारागांव में मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक युवक को 2.57 लाख रुपये कीमत के गांजा के साथ गिरतार किया है. थाना प्रभारी रवि कुमार बैगा ने बताया कि ओडिशा के मलकानगिरी से रायपुर की ओर गांजा की तस्करी की जा रही थी. आरोपी राजेश्वर यादव 24 वर्ष, निवासी पुसपाल जिला सुकमा, एक नीले रंग की पुरानी कार क्रमांक सीजी 05 एफ 0703 से गांजा लेकर जा रहा था. कार की तलाशी के दौरान वाहन से दो प्लास्टिक बोरियों में रखे कुल 6 पैकेट बरामद किए गए, जिनमें कुल 51.520 किलोग्राम गांजा था. अंतरराज्यीय तस्करी के इस गांजा की अनुमानित कीमत 2 लाख 57 हजार रुपये बताई गई है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 (ख) के तहत मामला दर्ज कर उसे न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है.
करंट की चपेट में मासूम की मौत
घोटिया. यहां एक झटका मशीन की चपेट में आकर एक मासूम की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि इस मशीन में करंट आ गया था. अनजाने में यह बालक उस मशीन के नजदीक आ गया. इससे मशीन से वह चिपक गया. कुछ देर बाद वह नीचे गिर पड़ा. परिजन के पास आने पर पता चला कि उसकी मौत हो गई है.
नदी में डूबकी लगाते दो बहे, एक की मौत
सुकमा. शबरी नदी में शनिवार दोपहर दर्दनाक हादसे में एक युवती सहित दो लोगों की डूबने से मौत हो गई. गोताखोरों की टीम ने युवती का शव बरामद कर लिया है, जबकि दूसरे व्यक्ति की तलाश देर शाम तक जारी थी. यह घटना गोंगला मार्ग पर सीआरपीएफ द्वितीय बटालियन कैंप के आगे शबरी नदी में हुई. जानकारी के अनुसार, चिंतलनार थाना क्षेत्र के तिमापुरम निवासी 17 वर्षीय सोडी भीमे बीते कुछ दिनों से बीमार थी. इलाज के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होने पर परिजन उसे झाड़-फूंक के लिए सुकमा के सुंदर नगर स्थित एक वडे गुनिया के पास लाए थे. करीब पांच दिन झाड़-फूंक के बाद शनिवार को अंतिम पूजा करने के लिए परिजन शबरी नदी तट पहुंचे थे. पूजा की प्रक्रिया के दौरान वडे माड़वी भीमा (60 वर्ष) ने युवती को नदी में डुबकी लगाने को कहा.
ओरछा सड़क निर्माण को मिली 54.74 करोड़ रुपये की स्वीकृति
नारायणपुर . पल्ली-छोटेडोंगर-ओरछा मार्ग के 13 से 31 किमी तक के हिस्से के मजबूतीकरण और पुनर्निर्माण कार्य हेतु 54.74 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है. यह निर्णय अबूझमाड़ से लेकर ओरछा और नारायणपुर के हजारों ग्रामीणों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है.
वनमंत्री के नेतृत्व में जनसंघर्ष लाया रंग: स्थानीय निवासी जगदीश के अनुसार, इस स्वीकृति के पीछे एक लंबा जनसंघर्ष है. जब भाजपा विपक्ष में थी, तब वर्तमान वनमंत्री एवं नारायणपुर विधायक केदार कश्यप के नेतृत्व में बार-बार धरना, प्रदर्शन और सरकार को ज्ञापन सौंपे गए. लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप यह बहुप्रतीक्षित मंजूरी मिल सकी.
विकास के नए रास्ते खुलेंगे
सड़क निर्माण से अबूझमाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्र के लोगों को सुगम आवागमन की सुविधा मिलेगी. साथ ही, खनिज परिवहन के लिए भी एक स्थायी और मजबूत मार्ग उपलब्ध होगा. स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और शिक्षा, स्वास्थ्य तथा प्रशासनिक सेवाओं तक लोगों की पहुंच और अधिक सुलभ होगी.
54.74 करोड़ रुपये की इस प्रशासकीय स्वीकृति से न केवल एक जर्जर सड़क का कायाकल्प होगा, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.
सड़क निर्माण, विकास की आधारशिला: केदार
वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा, ’’यह सड़क केवल कंक्रीट और डामर का ढांचा नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र की उम्मीदों, संघर्षों और विकास की नींव है. विपक्ष में रहते हुए हमने आवाज उठाई थी, आज उसे साकार करने का अवसर मिला है.’’ उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ सरकार की आदिवासी अंचलों के प्रति संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया.
वर्षों पुरानी मांग को मिला जवाब
यह मार्ग वर्षों से अत्यंत जर्जर स्थिति में था, जिससे स्थानीय लोगों को परिवहन, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और व्यापार जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुँचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. अब सड़क के पुनर्निर्माण की स्वीकृति मिलने से क्षेत्रवासियों में उत्साह है.