प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। इसे निर्दयता की पराकाष्ठा कह सकते हैं. खेत मालिक ने गलती से जंगल से बाहर निकलकर खेत में पहुंचे हिरण के शावक को मांस की लालच में डंडे से पीट-पीटकर मार डाला. रात के अंधेरे में लोगों की नजरों से बचते-बचाते मरे हुए हिरण के शावक को ले जा सके. लेकिन लेकिन ग्रामीणों की नजर हिरण के मृत शावक पर पड़ गई और वन विभाग को घटना की सूचना जी. लेकिन लापरवाह वनकर्मी समाचार लिखे जाने तक मौके पर नहीं पहुंचे थे.

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घटना कबीरधाम जिले के पंडरिया ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत नेऊर से लगे बीट क्रमांक 477 का है, जहां ग्रामीणों को खेत के मेड़ में पत्तों से ढंका एक हिरण के शावक का शव खून से लथपथ मिला. मृत हिरण के सिर पर चोट के निशान हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि खेत के मालिक ने हिरण के मांस के लिए डंडे से पीट-पीटकर हिरण को मारा है, और खेत के किनारे पत्तों से ढक दिया था, ताकि किसी की नजर ना पड़े और मौका पाकर रात के अंधेरे में ले जा सके.

जंगल पर अतिक्रमण

दरअसल, कबीरधाम जिले के जंगल में ग्रामीणों का अतिक्रमण दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहा है. लोग मकान-खेत बनाकर कब्जा कर रहे हैं. ऐसे में वन्यप्राणियों के लिए जंगल सिमटता जा रहा है, और यही कारण है वन्यजीव रहवासी इलाकों के तरफ पहुंच जाते हैं, और शिकारी का शिकार हो जाते हैं.

विभाग की लापरवाही

वन विभाग द्वारा प्रत्येक बीट पर वनरक्षक की ड्यूटी लगाई जाती है, जहां उन्हें रात-दिन रहना होता है. लेकिन वनकर्मी चौकीदार के भरोसे जंगल छोड़कर अपने घर चले जाते हैं, और अधिकारियों के दौरे या कोई घटना होने पर ही अपने एरिया में आते हैं. लेकिन यहां तो घटना के बाद सूचना देने पर भी वनरक्षक मौके पर नहीं पहुंचा था.