अजयारविंद नामदेव, शहडोल। जिले के अंतिम छोर पर स्थित ग्राम सुखाड़ के पास सोन नदी के टापू में दो दर्जन से अधिक मवेशी बीते तीन-चार दिनों से फंसे हुए हैं। क्षेत्र में बाणसागर डैम के गेट खोलने के बाद नदी में अचानक पानी का बहाव तेज हो गया, जिससे मवेशियों के वापस लौटने का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि डैम के कुल 8 गेट खोले गए हैं, जिससे सोन नदी में बाढ़ जैसे हालात बन गए और इसी बीच मवेशी नदी के टापू में फंसकर रह गए।

रेस्क्यू नहीं किया गया तो जान को खतरा

हालत यह है कि पिछले कई दिनों से ये मवेशी न तो इधर आ सके और न ही उन्हें चारा-पानी मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि यदि जल्द ही रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं चलाया गया, तो इन मवेशियों की जान को खतरा हो सकता है। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रशासन को अब तक इस घटना की जानकारी ही नहीं है। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की मानें तो प्रशासन की ओर से कोई राहत या बचाव कार्य शुरू नहीं किया गया है।

मौत का इंजेक्शनः झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के बाद युवक ने तोड़ा दम, गुस्साए परिजनों ने शव

प्रशासन की लापरवाही उजागर

मामले को लेकर जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र पटेल ने बाणसागर डैम के गेट तत्काल बंद करने और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह एक बड़ी पशुहानि हो सकती है, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। यह घटना प्रशासन की गंभीर लापरवाही को उजागर करती है। बाढ़ जैसे हालात के बावजूद क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों और मवेशियों की सुरक्षा के लिए कोई पूर्व सूचना, अलर्ट नहीं की गई थी।

3 पुलिसकर्मी सस्पेंडः आदिवासियों से मारपीट मामले में कार्रवाई, MLC में खुलासा- प्राइवेट पार्ट में मिर्ची

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H