रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को दिल्ली रवाना हुए, जहां वे कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात कर राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और चैतन्य बघेल पर हुई कार्रवाई सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। रायपुर एयरपोर्ट पर रवाना होने से पहले उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में भाजपा और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला।

केदार कश्यप की प्रेसवार्ता को बताया ‘झूठ का पुलिंदा’
पूर्व मुख्यमंत्री ने वनमंत्री केदार कश्यप द्वारा रविवार को आयोजित प्रेसवार्ता पर पलटवार करते हुए कहा कि इस तरह की बयानबाज़ी मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्रियों को करनी चाहिए थी, लेकिन जिम्मेदारी से बचते हुए एक मंत्री को सामने भेजा गया। उन्होंने केदार कश्यप पर “घटिया भाषा” के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या गृह मंत्री अमित शाह के बारे में वैसी ही बातें कह दी होतीं जैसी भाषा उन्होंने राहुल गांधी के लिए इस्तेमाल की, तो भाजपा किस तरह प्रतिक्रिया देती?
हसदेव में पेड़ों की कटाई पर भाजपा से जवाब तलब
पूर्व CM भूपेश बघेल ने भाजपा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन लोगों ने कांग्रेस को एटीएम कहा था, वे खुद आज रिजर्व बैंक बनकर बैठे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “वे हम पर चोरी के आरोप लगाते हैं, लेकिन डकैती तो ये खुद कर रहे हैं।” हसदेव जंगल में पेड़ों की कटाई को लेकर उन्होंने सवाल उठाया कि जब राज्य में सरकार बनी भी नहीं थी, तब किसके निर्देश पर वहां कटाई की गई? उन्होंने आरोप लगाया कि अडानी समूह के लोग कटर लेकर तमनार के जंगल में कैसे घुसे और किसकी अनुमति से कटाई शुरू हुई, इसका जवाब वन मंत्री को देना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि यदि आदिवासी समुदाय को दिया गया सामुदायिक पट्टा निरस्त नहीं हुआ था, तो पेड़ों की कटाई कैसे की गई?
कोल ब्लॉक नीतियों पर जवाबी हमला
कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर भी भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय खदानों का आवंटन “पहले आओ, पहले पाओ” नीति पर आधारित था, जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि अब तक नीलामी की गई खदानों में से कितनी वास्तव में चालू हैं और पिछले दरवाज़े से राज्यों को खदान किसने दिया?
उन्होंने भाजपा नेताओं को “लुटेरे” करार देते हुए कहा कि “इनके साथी लूट रहे हैं और ये खुद लुटवा रहे हैं।” साथ ही उन्होंने दावा किया कि भाजपा नेतृत्व प्रेस से बच रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण साव और विष्णुदेव साय ने खुद को प्रेसवार्ता से दूर रखा और जिम्मेदारी से बचने के लिए केदार कश्यप को सामने किया गया।
पूर्व CM भूपेश बघेल के इन बयानों ने राज्य में राजनीतिक हलचल और तेज कर दी है, खासकर तब जब हसदेव जंगल, कोल आवंटन और अडानी समूह की भूमिका को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच टकराव और गहराता जा रहा है। बघेल का दिल्ली दौरा ऐसे समय हो रहा है जब कांग्रेस अंदरूनी रणनीति पर मंथन कर रही है और प्रदेश स्तर पर भाजपा की आलोचना को केंद्र तक ले जाने की तैयारी में है।
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