नई दिल्ली. राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन पंजाब के तीन महान स्वतंत्रता सेनानियों शहीद भगत सिंह, शहीद ऊधम सिंह और शहीद मदन लाल ढींगरा को मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की मांग उठाई। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि इन शहीदों की वीरता और देशभक्ति को सम्मानित कर देश उनकी शहादत को सच्ची श्रद्धांजलि दे।

संधू ने कहा कि इन क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपने प्राणों की आहुति दी और उनकी विचारधारा ने देश की पीढ़ियों, खासकर युवाओं को प्रेरित किया है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि आजादी के 77 वर्ष बाद भी इन शहीदों को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया, जो उनकी अतुलनीय कुर्बानियों के साथ घोर अन्याय है।

संधू ने कहा कि शहीद भगत सिंह, ऊधम सिंह और मदन लाल ढींगरा न केवल क्षेत्रीय नायक थे, बल्कि औपनिवेशिक अत्याचार के खिलाफ भारत की अडिग भावना और प्रतिरोध के प्रतीक थे। उन्होंने केंद्र सरकार से ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने और राष्ट्रीय चेतना को जगाने का आह्वान किया। संधू ने जोर देकर कहा कि मौजूदा सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति को खत्म कर असली राष्ट्रीय नायकों को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित करने का कार्य शुरू किया है।

छोटी उम्र में बड़ी कुर्बानी

संधू ने बताया कि शहीद भगत सिंह केवल 23 वर्ष की आयु में शहीद हुए और उनकी क्रांतिकारी विचारधारा ने युवाओं में देशभक्ति की अलख जगाई। शहीद ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेने के लिए लंदन में जनरल डायर की हत्या की, जिसने असंख्य पीड़ितों को न्याय की भावना प्रदान की। वहीं, शहीद मदन लाल ढींगरा ने 1909 में कर्जन वायली की हत्या कर ब्रिटिश साम्राज्य को हिलाकर रख दिया और ब्रिटिश अत्याचारों के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध के शुरुआती प्रतीकों में से एक बने।संधू ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि इन महान शहीदों को भारत रत्न से सम्मानित कर उनकी शहादत को अमर रखा जाए। यह मांग न केवल पंजाब की भावनाओं को दर्शाती है, बल्कि पूरे देश की अंतरात्मा की आवाज है।