वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। जांजगीर-चांपा जिले के खरौद में दूषित पानी से डायरिया फैलने के मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। मामले को लेकर हो रही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव से व्यक्तिगत शपथपत्र में जवाब मांगा है। मामले में 23 जुलाई को भी सुनवाई होगी।
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दरअसल, खरौद के तिवारीपारा मोहल्ले में एक स्थानीय हैंडपंप से दूषित पानी पीने के बाद 23 से ज़्यादा लोगों को डायरिया हो गया। विभाग ने प्रभावित क्षेत्र में घर-घर जाकर सर्वेक्षण और आपातकालीन चिकित्सा सहायता शुरू की है। इस क्षेत्र के अधिकांश निवासी पेयजल के लिए एक ही हैंडपंप पर निर्भर हैं। रोगियों की संख्या में लगातार बढ़ रही है। स्थानीय लोगों का दावा है कि इस महामारी का कारण हैंडपंप से आने वाला दूषित पानी है। अधिकारियों से बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस खबर पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है।
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रकोप के बाद संदिग्ध हैंडपंप को सील कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने नए मामलों का पता लगाने और उनका इलाज करने के लिए घर-घर जाकर जांच अभियान शुरू किया है। हर घर में ओआरएस के पैकेट और क्लोरीन की गोलियां बांटी जा रही हैं। अधिकारियों ने निवासियों को केवल उबला हुआ पानी पीने, हाइड्रेटेड रहने के लिए ओआरएस का इस्तेमाल करने और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी है। वहीं प्रभावित व्यक्तियों को जिला स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
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