Bastar News Update: जगदलपुर. सोमवार की दोपहर अचानक बदले मौसम के बीच हुई तेज बारिश और बिजली गिरने की दो अलग-अलग घटनाओं में तीन ग्रामीण घायल हो गए. सभी घायलों को डायल 112 की मदद से तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, बकावंड थाना क्षेत्र के ग्राम सेमलनार में एक ग्रामीण खेत में ट्रैक्टर से जुताई कर रहा था. बारिश के दौरान उसके समीप ही आकाशीय बिजली गिरने से वह बेहोश हो गया. ग्रामीण को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसका उपचार जारी है. दूसरी घटना भानपुरी थाना क्षेत्र के ग्राम गुरिया में हुई, जहां 17 वर्षीय मोहनबती और उसकी 60 वर्षीय नानी फगनी बघेल खेत में काम करने के बाद बारिश और बिजली की गड़गड़ाहट से घबराकर घर लौट रहे थे. इसी दौरान उनके समीप आकाशीय बिजली गिरने से दोनों घायल होकर बेहोश हो गए. सूचना मिलते ही डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची और दोनों घायलों को भानपुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. फगनी बघेल के हाथ, पैर और चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं, जबकि मोहनबती को मामूली चोटें लगी हैं.

जवानों ने 10 किलो आईईडी को किया सुरक्षित डियूज

सुकमा. जिले में एक बार फिर नक्सलियों की बड़ी साजिश को सुरक्षाबलों ने समय रहते नाकाम कर दिया. लखापाल और ना के जंगलों के बीच नक्सलियों के छिपाकर रखे गए 10 किलो वजनी आईईडी बम को सीआरपीएफ 74वीं बटालियन की बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) ने सुरक्षित रूप से निष्क्रिय कर दिया.

मिली जानकारी अनुसार घटना सोमवार की है, जब 74वीं बटालियन की ई और एफ कंपनी के जवान सर्चिंग अभियान पर निकले थे. अभियान के दौरान लखापाल क्षेत्र में संदिग्ध हलचल के संकेत मिलने पर जवानों ने सतर्कता बरतते हुए इलाके की बारीकी से जांच की. इसी दौरान झाड़ियों के बीच छिपाकर रखा गया शक्तिशाली आईईडी बम मिला. सूचना मिलते ही बीडीएस टीम मौके पर पहुंची और सुरक्षात्मक घेरे में बम को नियंत्रित विस्फोट से डियूज कर दिया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया. इस दौरान किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई.

साजिश नाकाम

कमांडेंट 74वीं बटालियन ने बताया कि नक्सली सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से इस आईईडी को प्लांट कर बैठे थे, लेकिन जवानों की सतर्कता और मुस्तैदी से उनकी साजिश नाकाम हो गई. घटना के बाद क्षेत्र में सर्चिंग तेज कर दी गई है.

जगदलपुर के 29 केंद्रों में 27 को होगी आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा

जगदलपुर. छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल रायपुर द्वारा 27 जुलाई को आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. यह परीक्षा सुबह 10बजे से दोपहर 12:15 बजे तक जगदलपुर के 29 परीक्षा केंद्रों में संपन्न होगी. परीक्षार्थियों को वर्तमान वर्ष का प्रवेश पत्र लाना अनिवार्य किया गया है. किसी भी स्थिति में बिना प्रवेश पत्र के प्रवेश नहीं दिया जाएगा. परीक्षा के सफल संचालन हेतु डिप्टी कलेक्टर मायानन्द चन्द्रा (मो. 99267-59295) को नोडल अधिकारी, प्राचार्य डॉ. अनिल श्रीवास्तव (मो. 98274-91253) को समन्वयक और सहायक प्राध्यापक डॉ. अजय सिंह ठाकुर (मो. 70009-74126) को सहायक समन्वयक के रूप में नियुक्त किया गया है.

शासकीय काकतीय पीजी कॉलेज, धरमपुरा,शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज,दंतेश्वरी महिला महाविद्यालय, शांतिनगर, एमएलबी कन्या स्कूल, जगदलपुर, बहुउद्देशीय हायर सेकेंडरी स्कूल, स्वामी आत्मानंद एक्सीलेंट स्कूल (अग्रसेन चौक, रेलवे कॉलोनी, स्पोर्ट्स कॉप्लेक्स), धरमु माहरा महिला पॉलीटेक्निक, बाल विहार, निर्मल स्कूल, श्री वेदमाता कॉलेज कंगोली, डीपीएस स्कूल, क्राइस्ट कॉलेज, सेंट जेवियर स्कूल, कृषि एवं उद्यानिकी महाविद्यालय, कुहरावंड आदि. परीक्षार्थियों के लिए जरूरी निर्देश हैं कि वे प्रवेश पत्र साथ लाना अनिवार्य है. परीक्षा समय से कम से कम 30 मिनट पूर्व परीक्षा केंद्र पर पहुंचें. अनुशासन, शांति और कोविड-19 से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करें.

पुलिस ने सीखी विवेचना व चालान की बारीकियां

जगदलपुर. जिला पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक माहेश्वर नाग के मार्गदर्शन में सोमवार को एक विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया. इसमें पुलिस कर्मियों को विवेचना, अभियोजन और थाना प्रबंधन से जुड़ी प्रक्रियाओं की बारीक जानकारी दी गई. प्रशिक्षण में सेवानिवृत्त अनुभवी पुलिस अधिकारी मनीष मिश्रा एवं जिला अभियोजन अधिकारी आरके मिश्रा ने पुलिस टीम को विवेचक की भूमिका, कानूनी प्रक्रियाएं और अभियोजन की तैयारी को लेकर विस्तृत जानकारी दी. सत्र के दौरान कई व्यवहारिक उदाहरणों के माध्यम से थाना स्तर पर आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा की गई.

नवाचार और अनुशासन पर विशेष जोर

इस अवसर पर बस्तर एसपी शलभ सिन्हा ने वर्तमान समय में पुलिसिंग से जुड़ी चुनौतियों पर विचार साझा करते हुए नवाचार और समस्याओं के प्रभावी समाधान हेतु अधिकारियों को प्रेरित किया. उन्होंने यातायात नियमों के सती से पालन, पुलिस कर्मियों के अनुशासन, बेहतर टर्नआउट और संयमित व्यवहार बनाए रखने पर विशेष बल दिया. प्रशिक्षण में यूएपीए अधिनियम के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों की विवेचना की समीक्षा भी की गई. इस प्रशिक्षण में बस्तर जिले के सभी राजपत्रित अधिकारी एवं थाना प्रभारी उपस्थित रहे.

राज्य स्तरीय सुब्रतो मुखर्जी कप में पांच जोन से 240 खिलाड़ी ले रहे भाग

जगदलपुर. 25वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता के अंतर्गत आयोजित सुब्रतो मुखर्जी कप फुटबॉल स्पर्धा का शुभारंभ आज स्थानीय पंडित श्यामाप्रसाद मुखर्जी सभागार में हुआ. कार्यक्रम के मुय अतिथि विधायक किरण देव ने उद्घाटन की औपचारिक घोषणा करते हुए खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया और शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे आदिवासी और दूरस्थ अंचल में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बस जरूरत है उन्हें सही मंच, मार्गदर्शन और संसाधन देने की. उन्होंने खिलाड़ियों को अनुशासन, मेहनत और आत्मविश्वास के साथ खेलने की सलाह देते हुए कहा कि खेलों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त होता है.

मुख्य अतिथि विधायक किरण देव द्वारा उद्घाटन की औपचारिक घोषणा के बाद राष्ट्रीय खिलाड़ी अमृता पोड़ियामी ने सभी प्रतिभागियों को खेल भावना से खेलने की शपथ दिलाई. कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत व समान से हुई, जिसमें आयोजकों एवं विद्यार्थियों ने पुष्प, बैज और आत्मीयता के साथ सभी का स्वागत किया. कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष बलदेव मंडावी, नगर निगम अध्यक्ष खेमसिंह देवांगन, लोक शिक्षण संचालक प्रतिनिधि अनिल मिश्रा, संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा राकेश पांडे, शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, प्रधानाचार्य, शिक्षक-शिक्षिकाएं और बड़ी संया में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे. कार्यक्रम का समापन जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा अखिलेश मिश्रा द्वारा आभार प्रदर्शन के साथ हुआ.

प्रतिभा ही पहचान: महापौर और अतिथियों की प्रेरक बात

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महापौर संजय पांडे ने कहा कि जीत-हार खेल का हिस्सा है, लेकिन खेलभावना और उत्कृष्ट प्रदर्शन ही खिलाड़ी की असली पहचान बनाते हैं. छत्तीसगढ़ ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी ने प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई देते हुए नागरिकों से अपील की कि वे इन खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करने के लिए अधिकाधिक संया में उपस्थिति दर्ज कराएं.

अब ग्रामीणों को नहीं आना होगा जिला मुख्यालय समस्या बताने

कोण्डागांव . जिला प्रशासन जनदर्शन कार्यक्रमों के माध्यम से जनता की समस्याओं के समाधान के लिये सतत प्रयासरत है. इस पहल को और अधिक प्रभावी व सुलभ बनाने के उद्देश्य से कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने जिला कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केशकाल और बड़ेराजपुर विकासखंड के ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं. जिला प्रशासन की इस पहल से दूरस्थ अंचलों के निवासियों को जिला मुख्यालय आने की आवश्यकता नहीं पड़ी, जिससे न केवल समय की बचत हुई बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें राहत मिली. कलेक्टर ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से केशकाल जनदर्शन में उपस्थित आम नागरिकों की समस्याएं सुनी, जिसमें ग्राम सालेभाट की अंजू नेताम ने ग्राम सभा की बैठक के लिए सेड निर्माण की मांग की, वहीं ग्राम सालेभाट के सोहनलाल ने अधिक बिजली बिल की शिकायत की, ग्राम निराछिन्दली के निवासी लक्ष्मण सिंह गावड़े ने सड़क निमार्ण की मांग की, ग्राम टेंवसा निवासी सोनसिंह शोरी ने वन अधिकार पत्र की मांग की.

गो एरिया घोषित किया था

वर्ष 2010 में कांग्रेस की केंद्र सरकार ने हसदेव अरण्य क्षेत्र को नो-गो जोन से हटाकर गो एरिया घोषित किया था. इसके बाद भूपेश सरकार ने 2019 से 2023 के बीच गारे पेलमा सेक्टर, महाजेंको कोलफील्ड और अन्य परियोजनाओं के लिए सिफारिशें भेजीं, जिनके दस्तावेज आज सार्वजनिक हैं. लता उसेंडी ने कहा कि, कांग्रेस जिस तरह हर भ्रष्टाचार के आरोपी के बचाव में खड़ी रहती है, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. कांग्रेस को बताना चाहिए कि, क्या वह मनमोहन सरकार के फैसलों के लिए माफी मांगेगी और क्या अब बिजली का उपयोग बंद करेगी, क्योंकि भूपेश बघेल स्वयं कहते थे कि, कोल ब्लॉक का विरोध करने वाले अपने घरों की बिजली बंद कर दें.

भ्रष्टाचार का आरोप लगने से कांग्रेस तिलमिलाई

कोण्डागांव . जो कांग्रेसी नहीं है उस पर से जब भ्रष्टाचार की चढ़ी परत खुलनी शुरू हुई तो पुत्र मोह में भूपेश बघेल ने पूरी कांग्रेस को ही झोंक दी है. उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं क्षेत्रीय विधायक लता उसेंडी ने मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा करते कही. उन्होंने कहा कि, कांग्रेस पूरे प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे के लिए प्रदर्शन कर रही है, जबकि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि, चैतन्य बघेल पार्टी में किस पद पर हैं. जब व्यक्ति का संगठन में कोई पद नहीं है, फिर भी उसके लिए पूरी पार्टी सड़क पर उतरती है, तो यह पुत्र मोह की पराकाष्ठा है.

उन्होंने कहा कि, कांग्रेस और भूपेश बघेल प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे हैं और भ्रष्टाचारियों को बचाने कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं. कोयला आबंटन, पेड़ों की कटाई और वन स्वीकृति से जुड़े मुद्दों पर कांग्रेस बार-बार झूठ बोल रही है, जबकि दस्तावेज साफ तौर पर बताते हैं कि, भूपेश सरकार ने स्वयं इन खनिज परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की सिफारिशें की थीं. कांग्रेस सरकार ने न सिर्फ पर्यावरण स्वीकृति की अनुशंसा की बल्कि कई बार अडानी समूह को खदान आवंटित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया.

इस दौरान जिलाध्यक्ष सेवक राम नेताम, दीपेश अरोरा, मनोज जैन, नरपति पटेल, जसकेतु उसेंडी, कुलवंत सिंह चहल, अश्वनी पांडे, ईना श्रीवास्तव, लक्ष्मी ध्रुव, प्रतोष त्रिपाठी, हर्ष ढिल्लन, प्रदीप नाग, सोनमणि पोयाम सहित अन्य मौजूद रहे.

ईडी नहीं, जनादेश बोलता है” – बस्तर में कांग्रेस का चक्काजाम, दीपक बैज की हुंकार

जगदलपुर. केंद्र की भाजपा सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में सोमवार को छत्तीसगढ़भर में कांग्रेस ने आर्थिक नाकेबंदी और चक्काजाम कर विरोध जताया। बस्तर में विरोध की कमान खुद दीपक बैज ने संभाली। शहर और ग्रामीण कांग्रेस कमेटियों ने संयुक्त रूप से जगदलपुर के आमागुड़ा चौक में नेशनल हाईवे को पूरी तरह जाम कर दिया। सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता सड़क पर बैठ गए और भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान दीपक बैज ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ईडी जैसी एजेंसियों का राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन कांग्रेस झुकने वाली नहीं। उनके साथ बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल भी मौजूद रहे, जिनकी मौजूदगी से कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखने को मिला। शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य और ग्रामीण अध्यक्ष प्रेम शंकर शुक्ला की अगुवाई में कार्यकर्ता सड़क पर बैठ गए और केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ नारे लगाए। कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि केंद्रीय एजेंसियों का राजनीतिक दुरुपयोग बंद नहीं किया गया तो पार्टी और बड़ा जन आंदोलन खड़ा करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता में रहते हुए विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

नवोदय विद्यालय में छात्रों की बेरहमी से पिटाई, वार्डन पर लोहे की रॉड से हमला करने का आरोप परिजनों में आक्रोश, स्कूल प्रबंधन चुप

जगदलपुर स्थित नवोदय विद्यालय एक बार फिर विवादों में घिर गया है। ताजा मामला बेहद गंभीर है, जहां स्कूल के ही एक शिक्षक पर सात छात्रों की बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगा है। परिजनों के अनुसार, यह घटना सोमवार रात की है जब हॉस्टल में अचानक बिजली चली गई। अंधेरे में छात्र मनोरंजन करते हुए अपने कमरे में नाच-गाना कर रहे थे। इसी दौरान वार्डन मौके पर पहुंचा और अंधेरे में ही लोहे की रॉड से छात्रों पर हमला कर दिया। पिटाई की वजह से छात्रों के शरीर पर गंभीर चोटें आई हैं। कई छात्रों के शरीर पर अब भी मारपीट के निशान देखे जा सकते हैं। बताया गया है कि अगली सुबह घायल छात्रों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने अब तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। परिजनों को इसकी जानकारी भी अस्पताल से नहीं, बल्कि स्कूल से मिली, जिसके बाद वे गुस्से में विद्यालय पहुंचे और प्रबंधन से शिकायत दर्ज कराई। हालांकि हैरानी की बात यह है कि इस पूरे मामले में स्कूल प्रशासन का रवैया बेहद लापरवाह और गैर-जिम्मेदाराना रहा। मीडिया कर्मियों के मौके पर पहुंचने पर भी स्कूल प्रबंधन ने न सिर्फ बदसलूकी की बल्कि किसी भी तरह की जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया।

 इस घटना को लेकर परिजनों में भारी नाराजगी है। उन्होंने मामले को गंभीर बताते हुए दोषी वार्डन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। फिलहाल स्कूल प्रबंधन की चुप्पी और रुख ने इस मामले को और भी संदेहास्पद बना दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले पर जांच की बात कही है।

बस्तर में बदले मौसम का कहर: बिजली गिरने से तीन ग्रामीण घायल, खेत से लौटते वक्त हादसा

जगदलपुर. सोमवार की दोपहर अचानक बदले मौसम ने बस्तर में कहर बरपाया। तेज बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की दो अलग-अलग घटनाओं में तीन ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए। पहली घटना बकावंड थाना क्षेत्र के ग्राम सेमलनार की है, जहां खेत में ट्रैक्टर से जुताई कर रहा एक ग्रामीण बिजली गिरने से बेहोश हो गया। ग्रामीण को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसका इलाज जारी है। दूसरी घटना भानपुरी थाना क्षेत्र के ग्राम गुरिया की है, जहां 17 वर्षीय मोहनबती और उसकी 60 वर्षीय नानी फगनी बघेल खेत से काम करके लौट रही थीं। रास्ते में बारिश और बिजली की गड़गड़ाहट से डरी दोनों महिलाएं जैसे ही घर के नजदीक पहुंचीं, उनके समीप आकाशीय बिजली गिर गई। हादसे में फगनी बघेल के हाथ, पैर और चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं, जबकि मोहनबती को मामूली चोटें लगी हैं। दोनों घटनाओं के बाद डायल 112 की टीमों ने तत्परता दिखाई और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान खेतों और खुले स्थानों में जाने से बचें। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में भी बिजली चमकने की संभावनाएं बनी हुई हैं।

आश्रम की दीवारों के भीतर मातृत्व! बीजापुर में 12वीं की छात्रा के गर्भवती मिलने से हड़कंप

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक स्थित एक कन्या छात्रावास में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब कक्षा 12वीं की एक छात्रा को पेट दर्द की शिकायत पर अस्पताल लाया गया और जांच में वह करीब चार महीने की गर्भवती पाई गई। इस खुलासे ने न केवल छात्रावास की सुरक्षा व्यवस्था, बल्कि शिक्षा और आदिवासी विकास विभाग की निगरानी प्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 20 जुलाई को छात्रा को चक्कर और तेज पेट दर्द के बाद सीएचसी भोपालपटनम लाया गया था। हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल बीजापुर रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी गर्भावस्था की पुष्टि की। छात्रा हाल ही में, 10 जुलाई को छुट्टियों से लौटकर छात्रावास में दाखिल हुई थी, और महज 10 दिन के भीतर उसकी तबीयत बिगड़ गई। जानकारी के मुताबिक छात्रावास में नई अधीक्षिका को 12 दिन पहले ही पदभार मिला है, लेकिन पूर्व अधीक्षिका से अब तक न तो जरूरी कागजात मिले हैं और न ही छात्राओं की जानकारी का हस्तांतरण हुआ है। ऐसे में छात्रावास की आंतरिक निगरानी और जिम्मेदारियों के निर्वहन पर गंभीर लापरवाही उजागर हुई है। इधर मंडल संयोजक और अधिकारियों ने छात्रा को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की बात कही, लेकिन परिजनों ने इलाज से इनकार कर छात्रा को अस्पताल से वापस घर ले गए। जिला अस्पताल की सिविल सर्जन डॉ. रत्ना ठाकुर ने पुष्टि करते हुए बताया कि छात्रा गर्भवती है और उसे अस्पताल में भर्ती किया गया था। मामले को गंभीरता से लेते हुए आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त देवेंद्र सिंह ने मंडल संयोजक को तलब किया है और विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की बात कही जा रही है।

27 जुलाई को होगी आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा, जगदलपुर के 29 केंद्रों में होंगे अभ्यर्थी शामिल

छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल रायपुर द्वारा 27 जुलाई शनिवार को आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। यह परीक्षा सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक जगदलपुर के कुल 29 परीक्षा केंद्रों में संपन्न होगी।

परीक्षार्थियों को वर्तमान वर्ष का मूल प्रवेश पत्र अनिवार्य रूप से साथ लाना होगा। किसी भी स्थिति में बिना प्रवेश पत्र के परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

प्रमुख परीक्षा केंद्र

जगदलपुर में परीक्षा के लिए जिन प्रमुख केंद्रों का चयन किया गया है, उनमें शामिल हैं:

* शासकीय काकतीय पीजी कॉलेज, धरमपुरा

* शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज

* दंतेश्वरी महिला महाविद्यालय, शांतिनगर

* एमएलबी कन्या स्कूल

* बहुउद्देशीय हायर सेकेंडरी स्कूल

* स्वामी आत्मानंद एक्सीलेंट स्कूल (अग्रसेन चौक, रेलवे कॉलोनी, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स)

* धरमु माहरा महिला पॉलीटेक्निक

* बाल विहार, निर्मल स्कूल

* श्री वेदमाता कॉलेज कंगोली

* डीपीएस स्कूल, क्राइस्ट कॉलेज, सेंट जेवियर स्कूल

* कृषि एवं उद्यानिकी महाविद्यालय, कुहरावंड आदि।

परीक्षा व्यवस्था और जिम्मेदार अधिकारी

परीक्षा के सफल संचालन हेतु प्रशासन द्वारा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है:

* नोडल अधिकारी: डिप्टी कलेक्टर मायानन्द चन्द्रा (मो. 99267-59295)

* समन्वयक: प्राचार्य डॉ. अनिल श्रीवास्तव (मो. 98274-91253)

* सहायक समन्वयक: डॉ. अजय सिंह ठाकुर, सहायक प्राध्यापक (मो. 70009-74126)

परीक्षार्थियों के लिए जरूरी निर्देश

* परीक्षा केंद्र पर समय से कम से कम 30 मिनट पूर्व पहुंचना अनिवार्य है।

* परीक्षार्थी अनुशासन और शांति बनाए रखें।

* कोविड-19 से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करें।

* परीक्षा के दौरान मोबाइल, स्मार्टवॉच, कैलकुलेटर आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण प्रतिबंधित हैं।

बिना पंजीयन नहीं मिलेगा समर्थन मूल्य, एग्रीस्टेक पोर्टल बना किसानों के लिए नई बाध्यता

इस खरीफ सीजन में धान की खरीदी को लेकर किसानों के लिए एक नई बाध्यता सामने आई है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए अब किसानों को एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बिना न सिर्फ किसान धान नहीं बेच सकेंगे बल्कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ भी उन्हें नहीं मिल पाएगा। बस्तर जिले में अब तक करीब 65 हजार किसानों ने एग्रीस्टेक पोर्टल पर अपना पंजीयन करा लिया है जबकि बड़ी संख्या में किसान अभी भी सुविधाओं से वंचित हैं। उन्हें अब च्वाईस सेंटरों के चक्कर काटने होंगे जिससे किसानों के सामने समय और संसाधनों की चुनौती खड़ी हो गई है। नया पंजीयन सिस्टम राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य है फर्जीवाड़े पर रोकथाम, फसल बीमा और ऋण वितरण में पारदर्शिता और लाभों का त्वरित वितरण सुनिश्चित करना। सरकार का मानना है कि इससे कृषि क्षेत्र में डिजिटल ट्रैकिंग आसान होगी और पात्र किसानों को सीधे लाभ मिल सकेगा। किसानों के लिए यह नया सिस्टम एक ओर जहां भविष्य की योजनाओं के लिए जरूरी है, वहीं वर्तमान में यह असुविधा और भ्रम की स्थिति भी पैदा कर रहा है। बिना समय पर पंजीयन कराए किसान समर्थन मूल्य का लाभ नहीं ले पाएंगे जो कि उनके लिए आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है। हालांकि इस व्यवस्था को लागू करने का उद्देश्य पारदर्शिता है लेकिन ग्रामीण और सुदूर अंचलों में अभी भी कई किसान डिजिटल प्रक्रिया और जानकारी के अभाव के कारण पंजीयन नहीं करवा पाए हैं। ऐसे में कृषि विभाग ने किसानों से

अपील की है कि वे जल्द से जल्द निकटतम च्वाईस सेंटर में जाकर अपना ई-केवाईसी और एग्रीस्टेक पंजीयन पूरा कराएं।

जगदलपुर – मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत निर्माण कार्यों में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों को 15 दिन के भीतर कार्य सुधारने का अल्टीमेटम दिया गया है। कलेक्टर हरिस एस ने साफ चेतावनी दी है कि यदि तय समय-सीमा में गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ, तो संबंधित एजेंसियों और ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। मंगलवार को जिला कार्यालय के प्रेरणा सभाकक्ष में आयोजित समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर ने विभिन्न विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनहित से जुड़े मामलों को प्राथमिकता के आधार पर समयबद्ध ढंग से निपटाया जाए। कलेक्टर ने सभी शासकीय कार्यालयों को ई-ऑफिस प्रणाली का नियमित उपयोग करने को कहा और कहा कि इससे फाइलों के संचालन में पारदर्शिता और कार्य दक्षता बढ़ेगी। उन्होंने आमचो बस्तर एप पर प्राप्त शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण और समयसीमा में निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, अजीविका मिशन, मनरेगा और पीडीएस दुकानों के निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने सभी निर्माण कार्यों को दिसंबर 2025 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए और जिला खनिज न्यास निधि से स्वीकृत देवगुड़ी निर्माण जैसे लंबित कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने पर बल दिया। इसके अलावा केंद्रीय पेंशनर योजना के सत्यापन, धान उठाव, राशन कार्ड अपडेट, एग्री स्टैक पोर्टल पर पंजीयन, किसान क्रेडिट कार्ड प्रकरण और बीज वितरण की भी समीक्षा की गई। कलेक्टर ने बस्तर विकास प्राधिकरण, जल जीवन मिशन, ग्राम सचिव भर्ती, मुख्यमंत्री बस सेवा और भू-आवंटन जैसे विषयों पर संबंधित अधिकारियों से प्रगति रिपोर्ट ली। बैठक में वनमंडलाधिकारी उत्तम गुप्ता, अपर कलेक्टर सीपी बघेल, प्रवीण वर्मा, विपिन दुबे सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

पिनगुंडा नाले में उफान से कटा संपर्क, घंटों से फंसे लोग, पुल निर्माण की मांग फिर तेज

नारायणपुर – मंगलवार दोपहर झमाझम बारिश के चलते नारायणपुर-ओरछा मार्ग स्थित पिनगुंडा नाले में जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे दोनों ओर से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। नाले में तेज बहाव के कारण सड़क डूब गई है, जिससे राहगीर हों या वाहन—सभी को रुकना पड़ा है। लोग घंटों से पानी उतरने का इंतजार कर रहे हैं। पिनगुंडा नाला अबूझमाड़ क्षेत्र को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है, जो हर साल बारिश में अवरुद्ध हो जाता है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि चार घंटे से अधिक समय से संपर्क पूरी तरह से कटा हुआ है, जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों, मरीजों और अन्य जरूरी आवाजाही पर सीधा असर पड़ा है। ग्रामीणों ने स्थायी पुल की पुरानी मांग को फिर दोहराया है। उनका कहना है कि हर साल यही स्थिति बनती है, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं। प्रशासन से अपील की गई है कि इस मार्ग पर पुल निर्माण को प्राथमिकता में लेकर जल्द कार्य शुरू कराया जाए, ताकि बरसात के दिनों में लोगों को इस परेशानी से बार-बार न जूझना पड़े।

भाटपाल में 8,517 बच्चों के लिए नाश्ता योजना शुरू, शिक्षा और निर्माण कार्यों को मिली नई गति

राज्य के वन, जल संसाधन और कौशल विकास मंत्री केदार कश्यप ने भाटपाल में आयोजित कार्यक्रम में जिले की प्राथमिक शालाओं के 8,517 विद्यार्थियों के लिए पौष्टिक आहार नाश्ता योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के लिए 1.44 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। मंत्री ने कहा कि इस पहल से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ेगी और स्कूल में उपस्थिति में भी सुधार आएगा। योजना की निगरानी जनप्रतिनिधियों को सौंपी गई है ताकि इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं ने बताया कि छात्रों को आय, जाति, निवास और जन्म प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए हैं। इसके साथ ही जिले के एकल शिक्षक विद्यालयों में युक्तियुक्तकरण के माध्यम से शिक्षकों की पदस्थापना की गई है, जिससे अब शिक्षक विहीन विद्यालयों के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलने लगी है। कार्यक्रम में शिक्षा पर आधारित अभ्युदय पत्रिका का विमोचन भी किया गया। मंत्री केदार कश्यप ने इस अवसर पर 1.87 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले 20 से अधिक निर्माण कार्यों का भूमिपूजन भी किया, जिनमें सड़कों, शेड, पुल-पुलिया, रंगमंच और बाउंड्रीवॉल जैसे कार्य शामिल हैं। उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर गुणवत्तायुक्त निर्माण सुनिश्चित करने के लिए जनप्रतिनिधियों को सक्रिय निगरानी रखने की सलाह दी। कार्यक्रम के अंत में एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत मंत्री कश्यप ने आम और नींबू के पौधों का रोपण किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान मातृभूमि और पर्यावरण के प्रति सम्मान और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है।

बारिश की बेरुखी से खेत सूने, बिंयासी और रोपा में पिछड़ गए इंद्रावती पार के किसान

बीजापुर – बीजापुर जिले के अंतिम छोर, इंद्रावती नदी पार बसे कोशलनार और मंगनार के किसान इस बार खेती के अहम पड़ाव बिंयासी और रोपा में पिछड़ते नजर आ रहे हैं। हरियाली पर्व नजदीक है, लेकिन खेतों में न तो बिंयासी का काम शुरू हो पाया है और न ही रोपाई सुचारु रूप से चल रही है। कहीं-कहीं रोपाई की शुरुआत जरूर हुई, मगर बारिश थमने से काम अधर में लटक गया है। इस क्षेत्र की खेती पूरी तरह मानसून पर निर्भर है क्योंकि सिंचाई की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। आमतौर पर सावन में खेतों और नालों में भरपूर पानी होता है, लेकिन इस बार खेतों में दरारें पड़ चुकी हैं। नवतपा के बाद आषाढ़ के आखिरी सप्ताह तक कुछ बारिश जरूर हुई, लेकिन अत्यधिक पानी के कारण किसान खुर्रा बोनी नहीं कर पाए। मजबूरी में लेही तकनीक अपनाई गई, मगर अनुकूल मौसम नहीं मिलने से बीज सड़ गए या अंकुरण नहीं हो पाया। अब जब बिंयासी और रोपा का वक्त आया है, तो मौसम फिर दगा दे गया है। कोशलनार, मंगनार, गोड़िया, बोधघाट और मोर्समेटा जैसे गांवों के आदिवासी किसान चिंता में डूबे हैं। तालाबों के किनारे बसे कुछ किसानों ने किसी तरह रोपाई शुरू की है, मगर असिंचित क्षेत्र के किसान अब भी बारिश की बाट जोह रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अगले कुछ दिनों में बारिश नहीं हुई, तो इस बार धान का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। किसान पहले ही बीज संकट और देर से बुआई की मार झेल चुके हैं अब बिंयासी रुकने से संकट और गहरा गया है। जलवायु परिवर्तन का असर अब साफ नजर आने लगा है कभी अचानक बारिश, कभी तेज गर्मी, और खेतों में गभार भूमि होने के बावजूद नमी गायब है। बहुत कठिनाई से रोपा कर रहे हैं लेकिन पानी न गिरा तो काम बीच में रुक जाएगा। खरीफ की खेती बारिश पर निर्भर है। समय पर बिंयासी नहीं हो पाई तो पौधों में कंसे नहीं निकलेंगे। सेंदूर सिंगा, लाल हजारी, भाटा चूड़ी, मेहर और साठका जैसी अल्पावधि किस्में अब संकट में हैं। थलेश ठाकुर, किसान इस बार की स्थिति ने एक बार फिर इस इलाके में सिंचाई साधनों और जल संरक्षण उपायों की कमी को उजागर कर दिया है। स्थायी समाधान के बिना हर साल की मेहनत यूं ही अधूरी रह जाएगी।

प्रजनन काल में सक्रिय हुई छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना, कांगेर घाटी में 150 से अधिक घोंसलों की निगरानी

मानसून के आगमन के साथ ही छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना इन दिनों अपने प्रजनन काल में सक्रिय हो गई है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में इसके संरक्षण और संवर्धन को लेकर वन विभाग और ‘मैना मित्र’ लगातार सतत प्रयास कर रहे हैं। वर्तमान में यहां 150 से अधिक घोंसलों की निगरानी की जा रही है, ताकि पक्षियों को सुरक्षित और अनुकूल प्रजनन वातावरण मिल सके।

विशेषज्ञों के अनुसार, पहाड़ी मैना का प्रजनन काल वर्षा ऋतु में होता है। यह पक्षी आमतौर पर कटफोड़वा द्वारा पेड़ों में बनाए गए प्राकृतिक छेदों को ही अपना घोंसला बनाती है। नर और मादा दोनों मिलकर टहनियों, पत्तियों और पंखों से इन घोंसलों को सजाते हैं, जहां वे अंडे देते हैं और बच्चों का पालन करते हैं। इन दिनों कांगेर घाटी की हरियाली के बीच मैना के नवजात बच्चों को उड़ने की शिक्षा देते हुए भी देखा जा रहा है, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए अत्यंत आनंददायक दृश्य बन गया है।कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन द्वारा पहाड़ी मैना को निवास स्थान की क्षति और अवैध पक्षी व्यापार जैसे खतरों से बचाने के लिए गश्त, घोंसलों की नियमित जांच और सामुदायिक सहभागिता को मजबूत किया जा रहा है। जंगल से लगे करीब 25 गांवों में इस समय 600 से अधिक पहाड़ी मैना सक्रिय रूप से देखी जा रही हैं।इस पक्षी की काली पंखुड़ी और चमकीली पीली कलगी इसे विशिष्ट पहचान देती है। यह छत्तीसगढ़ की जैव विविधता और गौरव का प्रतीक है। राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक ने बताया कि इस पक्षी की संख्या को स्थिर बनाए रखने के लिए दीर्घकालिक और समुदाय-आधारित संरक्षण रणनीतियों की आवश्यकता है। वन विभाग और मैदानी टीमें पूरे समर्पण के साथ इन प्राकृतिक आवासों की रक्षा में जुटी हैं, ताकि पहाड़ी मैना की गूंज आने वाले वर्षों में भी बस्तर की वादियों में सुनाई देती रहे।

विवेचना से अभियोजन तक, बस्तर पुलिस के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित

जिला पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक माहेश्वर नाग के मार्गदर्शन में सोमवार को बस्तर जिले में एक विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में पुलिस कर्मियों को विवेचना, अभियोजन और थाना प्रबंधन से जुड़ी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं की बारीक जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में सेवानिवृत्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मनीष मिश्रा और जिला अभियोजन अधिकारी आर.के. मिश्रा ने सहभागियों को विवेचक की भूमिका, कानूनी प्रक्रियाएं, और अभियोजन की तैयारी से संबंधित तकनीकी व व्यवहारिक पहलुओं की जानकारी साझा की। उन्होंने थाना स्तर पर आने वाली वास्तविक चुनौतियों और उनके समाधान पर भी व्यवहारिक उदाहरणों के साथ विस्तार से चर्चा की। इस मौके पर बस्तर एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने आधुनिक समय की पुलिसिंग में आ रही नई चुनौतियों को रेखांकित करते हुए पुलिस कर्मियों को नवाचार अपनाने, अनुशासन बनाए रखने और समस्याओं के समाधान हेतु सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने यातायात नियमों के पालन, बेहतर टर्नआउट और संयमित व्यवहार को पुलिस की छवि के लिए अत्यंत आवश्यक बताया। प्रशिक्षण के दौरान यूएपीए अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों की विवेचना की भी समीक्षा की गई। इस विशेष सत्र में बस्तर जिले के सभी राजपत्रित अधिकारी और थाना प्रभारी उपस्थित रहे, जिससे यह प्रशिक्षण समग्र रूप से प्रभावशाली और व्यावहारिक बन सका।