प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन के एक दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो गए हैं. यह उनकी चौथी ब्रिटेन यात्रा है. उनका यह दौरा दोनों देशों के संबंधों के लिए काफी अहम साबित हो सकता है. यहां वे ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के न्योते पर जा रहे हैं. इसके बाद वे 2 दिन के लिए मालदीव के दौरे पर जाएंगे. कीर स्टार्मर के प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की यह पहली ब्रिटेन यात्रा है. PM की मुलाकात ब्रिटिश सम्राट किंग चार्ल्स से भी होगी. पीएम की इस यात्रा के दौरान भारत-ब्रिटेन में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर साइन किए जाने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को एक नई ऊंचाई मिलेगी.

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लंदन में मौजूद भारतीय हाई कमिश्नर विक्रम दोराईस्वामी के मुताबिक यह समझौता अपने आखिरी लीगल फेज में है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि 6 मई को भारतीय-ब्रिटिश अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के आधार पर तैयार किए गए हैं.

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के जरिए भारत-ब्रिटेन की कोशिश द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने की है. उम्मीद की जा रही है कि इस समझौते पर गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर की मुलाकात के दौरान आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर हो सकते हैं.

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5 साल में व्यापार दोगुना करना मकसद

पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच तीन साल तक चली बातचीत के बाद फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) साइन किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एग्रीमेंट के मसौदे की लीगल प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

FTA का मतलब है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, जिसे हिंदी में ‘मुक्त व्यापार समझौता’ कहा जाता है। यह ऐसा समझौता होता है जो दो या अधिक देशों के बीच होता है, ताकि वे आपस में सामान और सेवाओं का व्यापार आसानी से कर सकें और उस पर कम टैक्स (ड्यूटी) लगाएं या बिल्कुल टैक्स न लगाएं। इससे दोनों देशों की कंपनियों को फायदा होता है, क्योंकि उनका सामान सस्ता हो जाता है जिससे लोग ज्यादा खरीदारी करते हैं।

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ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के लिए गर्व का मौका

भारतीय हाई कमिश्नर दोराईस्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा को लेकर कहा कि हम चाहते थे कि पीएम मोदी का दौरा लंबा हो लेकिन पीएम ब्रिटेन में सिर्फ 24 घंटे रुकेंगे, जो यह दर्शाती है कि भारत इस साझेदारी को कितना महत्व देता है. हाई कमिश्नर ने कहा, “प्रधानमंत्री हमेशा यह मानते हैं कि पारंपरिक और महत्वपूर्ण साझेदारों के साथ संबंध मजबूत करने चाहिए. संसद सत्र के दौरान भी इतनी दूरी तय कर प्रधानमंत्री का आना इस रिश्ते को एक नई ऊंचाई देने की मंशा को दर्शाता है.”

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किंग चार्ल्स से मुलाकात और आयुर्वेद पर चर्चा

पीएम मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात किंग चार्ल्स-III से भी तय है. 2018 में जब पीएम ब्रिटेन गए थे, तब उन्होंने तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स के साथ मिलकर एक Ayurvedic Centre of Excellence की शुरुआत की थी. दोराईस्वामी ने उम्मीद जताई कि इस बार भी दोनों नेताओं के बीच स्वास्थ्य, पर्यावरण और जीवनशैली से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी.

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बिजनेस डेलीगेशन और मालदीव की यात्रा

पीएम मोदी के साथ एक बिजनेस डेलीगेशन भी इस दौरे पर है. ब्रिटेन में अपने कार्यक्रमों के बाद प्रधानमंत्री मालदीव रवाना होंगे, जहां वे 26 जुलाई को वहां की स्वतंत्रता के 60 साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ होंगे.