प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्तमान में मालदीव के दौरे पर हैं, जहां उन्हें स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. माले में अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान, उन्होंने कहा कि भारत और मालदीव के बीच संबंधों की जड़ें इतिहास में गहराई तक फैली हुई हैं. प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश संधि को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा और मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू हो चुकी है.
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क्या है आज का शेड्यूल?
पीएम मोदी की मालदीव यात्रा आज, 26 जुलाई को समाप्त होगी. वे 10:45 से 12:40 बजे के बीच मालदीव की प्रमुख हस्तियों से मुलाकात करेंगे. इसके बाद, 15:50 से 16:15 बजे तक आईटीईसी के पूर्व छात्रों और भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ संवाद करेंगे. शाम 4:30 बजे स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के बाद, वे 6:15 बजे भारत के लिए रवाना होंगे.
भारत ने शुक्रवार को मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये (565 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की ऋण सहायता प्रदान करने की घोषणा की. प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि यह राशि मालदीव में बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित परियोजनाओं के लिए उपयोग की जाएगी, जो देश की जनता की प्राथमिकताओं के अनुरूप होगी.
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कई अहम मुद्दों पर दोनों देशों के बीच हुई चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू के साथ व्यापार, रक्षा और समुद्री सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए विस्तृत चर्चा की. यह बैठक द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देती है, खासकर तब जब मुइज़्ज़ू के ‘इंडिया आउट’ अभियान के बाद नवंबर 2023 में तनाव उत्पन्न हुआ था. मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और मालदीव के बीच की मित्रता हमेशा ‘उज्ज्वल और स्पष्ट’ रहेगी, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों.
भारत के लिए मालदीव क्यों है रणनीतिक रूप से अहम?
मालदीव एक सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण द्वीपीय राष्ट्र है, जो हिंद महासागर में स्थित है और भारत के समुद्री सुरक्षा हितों तथा ‘पड़ोसी पहले’ नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह देश लगभग 1,200 द्वीपों से बना है और अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार मार्गों के मध्य स्थित होने के कारण इसकी भू-राजनीतिक स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है.
भारत की ओर से मालदीव को क्या मिला?
भारत ने मालदीव के साथ कूटनीतिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर कई महत्वपूर्ण उपहार दिए हैं. इनमें 4,850 करोड़ रुपये की ऋण सीमा का विस्तार शामिल है, जिससे मालदीव के वार्षिक ऋण चुकौती दायित्वों में कमी आएगी. इसके अलावा, भारत और मालदीव ने मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू की है. भारत की बायर्स क्रेडिट सुविधाओं के तहत हुलहुमाले में 3,300 आवास इकाइयों का निर्माण किया गया है, जबकि अद्दू शहर में सड़क और जल निकासी प्रणाली परियोजना का उद्घाटन किया गया. इसके साथ ही, मालदीव में 6 सामुदायिक विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया गया और 72 वाहनों तथा अन्य उपकरणों का हस्तांतरण किया गया.
यह यात्रा पीएम मोदी की ओर से भारत और मालदीव के बीच पहले से मौजूद गलतफहमियों को समाप्त करने का एक महत्वपूर्ण कदम है, साथ ही यह भविष्य में सहयोग की गहराई को भी निर्धारित करेगी. इस दौरे से स्पष्ट होता है कि दोनों देश अपने संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तत्पर हैं, जिससे सामरिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में सहयोग को और अधिक मजबूत किया जा सकेगा.
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