Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में शुक्रवार सुबह जो हुआ, उसने पूरे गांव की रफ्तार थाम दी। एक सरकारी स्कूल की जर्जर बिल्डिंग गिर गई। सात बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, बीस से ज़्यादा बच्चे अस्पताल में जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे हैं। गांव की हर गली में मातम है, हर घर में सन्नाटा।

भाई-बहन की एक साथ विदाई

गांव में आज एक साथ छह बच्चों की चिताएं जलीं। इनमें एक अर्थी पर सगे भाई-बहन कान्हा और मीना की अंतिम यात्रा निकली। उनके माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। अंतिम यात्रा में ग्रामीणों के साथ पुलिस भी शामिल हुई। किसी के हाथ में फूल थे, किसी के कंधे पर दुख का बोझ।

पिपलोदी गांव में नहीं जले चूल्हे

हादसे के बाद से गांव में एक भी चूल्हा नहीं जला। पूरा गांव शोक में डूबा है। लोग ग़मगीन चेहरों के साथ एक-दूसरे का सहारा बने हुए हैं। गांव की हर आंख नम है और हर दिल सवालों से भरा है क्या ये मौतें टाली जा सकती थीं?

सरकार ने दिए जांच के आदेश

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद और संविदा नौकरी की सिफारिश का वादा किया है, हालांकि घायल बच्चों को लेकर कोई ठोस घोषणा नहीं हुई।

वसुंधरा राजे का सवाल- अगर पहले चिन्हित किया होता तो?

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हादसे के कुछ घंटों बाद मौके पर पहुंचीं। घायलों से मिलकर उन्होंने साफ कहा अगर शिक्षा विभाग ने समय रहते इन जर्जर स्कूल भवनों को चिन्हित कर बच्चों को दूसरी जगह भेज दिया होता, तो शायद ये मासूम आज ज़िंदा होते। उन्होंने इसे सरकारी लापरवाही का नतीजा बताया।

ब्लॉक के सभी सरकारी स्कूल बंद

जिला प्रशासन ने एहतियातन मनोहरथाना ब्लॉक के सभी सरकारी स्कूलों में छुट्टी का ऐलान कर दिया है। लेकिन सवाल ये है कि बाकी जिलों के जर्जर स्कूलों का क्या?

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