Rajasthan News: झालावाड़ के पिपलोदी गांव में स्कूल भवन गिरने से सात मासूमों की मौत ने राजस्थान की सरकारी शिक्षा व्यवस्था को कटघरे में ला खड़ा किया है। सवाल सिर्फ उस एक जर्जर इमारत का नहीं है सवाल ये है कि ऐसे हालात बनने ही क्यों दिए गए? और जब खतरे साफ दिख रहे थे तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

शिक्षा विभाग की प्राथमिकता में भेड़ गिनती और ड्रेस कोड?

शिक्षा विभाग के पास आदेशों की भरमार है पौधरोपण करवाना है, भेड़ गिननी है, महिला शिक्षकों के कपड़े तय करने हैं, लेकिन स्कूलों की हालत सुधरवाने का वक्त नहीं। कुछ हफ्ते पहले शिक्षा मंत्री मदन दिलावर महिला शिक्षकों की वेशभूषा पर टिप्पणी कर चर्चा में आए थे। उन्होंने कहा था कि कुछ महिला शिक्षक ऐसे कपड़े पहनती हैं जो छात्रों पर बुरा असर डालते हैं। बाद में विवाद बढ़ने पर सफाई दी गई, लेकिन सवाल बरकरार हैं।

शिक्षा की बजाय पशुधन?

शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक आदेश में अपने कर्मचारियों को भेड़ और पशुधन सर्वेक्षण में मदद करने को कहा था। शिक्षकों ने इस पर कड़ा ऐतराज़ जताया। कहा हम पशुपालन विभाग के कर्मचारी नहीं हैं, ये हमारी भूमिका के बाहर है। बाद में यह आदेश वापस लिया गया, लेकिन यह साफ हो गया कि प्राथमिकता क्या है और शिक्षा किस कोने में सिसक रही है।

विपक्ष का सीधा हमला

झालावाड़ हादसे पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा। पीसीसी अध्यक्ष ने कहा, जब शिक्षा मंत्री पौधरोपण के अंक, कपड़ों की लंबाई और भेड़ों की गिनती में व्यस्त हैं, तो स्कूलों की जर्जर हालत पर ध्यान देने का वक्त कहां से आएगा? आरोप यह भी है कि सरकार बच्चों की जान से ज्यादा सोशल मीडिया ट्रेंड्स को तवज्जो दे रही है।

मंत्री का बचाव: पहले से थी मरम्मत योजना

हादसे के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर घटनास्थल पर पहुंचे और कहा, “हमारी प्राथमिकता घायलों का इलाज है। स्कूल भवनों की मरम्मत की योजना पहले से चल रही थी, लेकिन अब उसमें तेजी लाई जाएगी।” सवाल यह है कि अगर योजना पहले से थी तो फिर कार्रवाई इतनी देर से क्यों?

पौधरोपण के नाम पर बोनस और ट्रांसफर अंक

शिक्षा विभाग ने एक फरमान में कहा था कि हर छात्र 300 और हर शिक्षक 450 पौधे लगाए, उसकी फोटो खींचें, सोशल मीडिया पर शेयर करें और ‘हरियालो राजस्थान’ ट्रेंड कराएं। साथ में लालच बोनस अंक, ट्रांसफर मेरिट में अतिरिक्त नंबर और पंचायतों को फंड। शिक्षकों ने इस आदेश को पूरी तरह अव्यावहारिक बताया।

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