कांकेर। कोयलीबेड़ा क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बेहाल कर दिया है. नदी-नालों के उफान पर आने से कई गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है. इसी लापरवाही और अव्यवस्था के बीच आलपरस गांव के 70 वर्षीय बालाराम की मौत हो गई.

परिजनों के अनुसार बालाराम लंबे समय से बीमार चल रहे थे. शुक्रवार को उनकी तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई तो परिवार के लोग उन्हें खाट पर लादकर कोयलीबेड़ा अस्पताल ले जा रहे थे. लेकिन रास्ते में चिलपरस के पास काकन नाला पर बना अधूरा पुल और बहा हुआ डायवर्सन उनकी उम्मीदों पर पानी फेर गया. तेज बहाव के कारण परिजन आगे नहीं बढ़ सके और बालाराम को समय पर इलाज नहीं मिल सका. अंततः रास्ते में ही उनकी मौत हो गई.

अधूरे पुल पर उठे सवाल

ग्रामीणों ने बताया कि काकन नाला पर पुल निर्माण का काम वर्षों से अधर में लटका हुआ है. हर बरसात में यह मार्ग जानलेवा साबित होता है और कई बार प्रशासन को शिकायत करने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

ग्रामीणों के सवाल

  • काकन नाला का पुल अब तक अधूरा क्यों है?
  • डायवर्सन की मरम्मत समय रहते क्यों नहीं हुई?
  • दूरस्थ गांवों तक एंबुलेंस या मेडिकल टीम क्यों नहीं पहुंच रही?

ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन इस लापरवाही की जवाबदेही तय करे और जल्द से जल्द पुल निर्माण कार्य पूरा कराए. उनका कहना है कि जब तक पुल तैयार नहीं हो जाता, हर बारिश में किसी न किसी की जान यूं ही चली जाएगी.

यह दर्दनाक घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि सरकार और जनप्रतिनिधियों के विकास के दावे आखिर कब ज़मीनी हकीकत बनेंगे.