आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. दक्षिण बस्तर के बाद अब संभाग मुख्यालय में भी मलेरिया का कहर आम लोगों पर टूट रहा है। बारिश के साथ ही मलेरिया के मामलों में इजाफा हुआ है। इस बीच एक छात्र की मलेरिया से मौत का मामला भी सामने आया है। नागलसर गांव में इस घटना के बाद मृतक अमित नाग के परिवार की मलेरिया जांच की गई, लेकिन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई। इधर पूरे गांव में टीम ने मलेरिया की जांच शुरू कर दी है। गांव में कैंप भी लगाया गया है।
बस्तर संभाग मुख्यालय में बास्तानार एवं दरभा में सर्वाधिक मलेरिया संक्रमण के मामले सामने आते हैं। संक्रमण की सबसे बड़ी समस्या यह है कि ज्यादातर मामले अब ए सिंप्टोमेटिक सामने आ रहे हैं, जिसकी वजह से समय रहते मलेरिया की पहचान करना मुश्किल होता है, क्योंकि इसके लक्षण दिखाई नहीं देते और बीमार मरीज जल्द ही गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है।


समय पर उपचार नहीं मिलने की वजह से अक्सर ऐसे में लोगों की मौत हो जाती है। मलेरिया से संक्रमित होने वालों में सबसे ज्यादा आश्रम छात्रावास एवं छोटे बच्चे होते हैं। इस वजह से मलेरिया बस्तर में सबसे घातक संक्रमण है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हर गांव में टीम बनाकर जांच करने की बात कह रहे हैं। मलेरिया उन्मूलन का 12वां चरण चल रहा है और इस दौरान भी मलेरिया के काफी मामले सामने आ रहे हैं।
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