सुधीर सिंह राजपूत, मिर्जापुर. अपने स्वास्थ्य सेवाओं से कहीं ज्यादा मनमानी और भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में आएं दिन बने रहने वाले मिर्जापुर के मंडलीय अस्पताल का एक और ताजा मामला सामने आया है. शनिवार को दोपहर बाद मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) से संबद्ध मंडलीय अस्पताल के एक बाबू पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का आरोप लगा है. चंदौली जनपद के हिनौता ग्राम के रहने वाले ओमकार कुमार ने शहर कोतवाली के अस्पताल चौकी प्रभारी के खिलाफ शिकायत की है. जिसमें बताया है कि 2018 में उसने स्वास्थ्य विभाग में बतौर बाबू के पद पर तैनात वर्तमान में (मंडलीय अस्पताल मिर्जापुर में कार्यरत) बाबू गंगा प्रसाद गौड़ को नौकरी के नाम पर 08 लाख रुपए दिए थे.

आरोप है कि काफी समय बीतने के बाद भी जब उसे नौकरी नहीं मिली तो बाबू गंगा प्रसाद गौड़ हिलाहवाली करते हुए आज कल कह कर टालते रहा. काफी दिन बीत जाने के बाद भी जब नौकरी नहीं लगी तो पीड़ित युवक ने दिए गए पैसे की मांग की तो वह पैसा देने में आनाकानी करने लगा. बाद में मामला बढ़ता देख आरोपी बाबू ने किसी तरह तीन लाख तो वापस कर दिए लेकिन अभी भी पांच लाख देने में आनाकानी कर रहा है. उसने ब्याज पर इतनी बड़ी रकम लेकर बाबू को दी थी, लेकिन उसे न तो नौकरी मिली और ना ही उसकी रकम वापस मिली. अंततः थक-हारकर कर पीड़ित ने अस्पताल चौकी में शिकायत की है.

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दूसरी ओर मामले में आरोपी बाबू ने सफाई देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग में नौकरी नहीं जमीन के लिए रकम दिया गया था. वह भी लखनऊ में उस पर लगाएं गए आरोप गलत हैं. इधर ठगी का आरोप लगने की खबर उछलते ही विभाग में हड़कंप मचा गया है. उत्तर प्रदेश का मिर्जापुर जिला खासकर स्वास्थ्य विभाग अपनी बेहतर सेवाओं की बजाय भ्रष्टाचार और घोटाले के मामले में हमेशा सुर्खियों में रहा है. बात चाहे नर्म घोटाले की रही हो या स्वास्थ्य विभाग में फर्जीवाड़े की. एक से बढ़कर एक घाघ व्यक्तियों का नाम सुर्खियों में रहा है. कार्रवाई के नाम पर लंबी जांच और लीपा पोती ऐसे मामलों को तासीर देता आया है.