धार्मिक परंपरा में अगरबत्ती को सिर्फ एक सुगंधित वस्तु नहीं, बल्कि आध्यात्मिक साधना का माध्यम माना गया है. सुबह-सुबह जब वातावरण में अगरबत्ती की सौम्य महक फैलती है, तो यह न केवल मन को शांत करती है, बल्कि पूरे घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है.

धार्मिक मान्यता है कि जिस घर में प्रतिदिन श्रद्धा से अगरबत्ती जलाई जाती है, वहां लक्ष्मी का वास होता है और दरिद्रता दूर रहती है. यह केवल एक धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक तथ्य भी है, क्योंकि खुशबू मस्तिष्क की तरंगों को सक्रिय करती है और व्यक्ति के सोचने का तरीका बदल देती है.
वास्तु शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार, रोज़ सुबह पूजा के समय अगरबत्ती जलाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है. खासकर चंदन, कपूर, लोबान या केवड़ा जैसे पारंपरिक सुगंध वाले अगरबत्तियां मानसिक एकाग्रता बढ़ाती हैं और मन को प्रसन्न करती हैं.
इस विधि को अपनाए
सुबह स्नान के बाद शुद्ध कपड़े पहनकर पूजा स्थान पर बैठें.
दीपक जलाने से पहले अगरबत्ती को अग्नि से प्रज्वलित करें और थोड़ी देर बाद उसे फूंक मारकर धुआं उत्पन्न करें.
अगरबत्ती को पूजा स्थान के दाईं ओर (पूर्व या उत्तर दिशा में) लगाएं, ताकि उसकी खुशबू पूरे घर में फैल सके.
अगरबत्ती जलाते समय ॐ गं गणपतये नमः या ॐ नमः शिवाय जैसे किसी मंत्र का उच्चारण करें, ताकि ऊर्जा और भी सशक्त हो जाए.
ध्यान रखें, एक समय में एक ही अगरबत्ती जलाएं और उसका धुआं बहुत अधिक न हो, ताकि वातावरण संतुलित बना रहे.
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