दिल्ली के छावला इलाके में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया। यहां कुतुब विहार इलाके में निर्माणाधीन मकान के सेप्टिक टैंक में सफाई के लिए उतरे मजदूर और ठेकेदार की दम घुटने से मौत हो गई। दरअसल नए बने सेप्टिक टैँक का हाल ही में लेंटर डाला गया था। उसमें अंदर शटरिंग लगी थी। मजदूर शटरिंग खोलने और सफाई के लिए अंदर उतरा था। लेकिन वह नीचे उतरते ही वह बेहोश हो गया।
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ठेकेदार उसे देखने के लिए उतरा तो वह भी अंदर ही बेहोश हो गया। वहां मौजूद बाकी मजदूरों ने शोर मचाया तो आसपास मौजूद लोगों ने किसी तरह दोनों को अंदर से बाहर निकला। बाद में उनको नजदीकी इंदिरा गांधी अस्पताल ले जाया गय, जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। मृतकों की शिनाख्त बिहार निवासी ठेकेदार सुभाष (32) और मजदूर प्रदीपम (18) के रूप में हुई है।
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पुलिस ने शनिवार को राव तुलाराम अस्पताल में पोस्टमार्टम कराकर प्रदीप का शव परिजनों के हवाले कर दिया। शव लेकर परिजन बिहार रवाना हो गए। सुभाष के परिजन शनिवार शाम तक दिल्ली नहीं पहुंच पाए थे, इस वजह से उसका पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। रविवार का परिवार के आने पर उसका शव परिजनों को सौंपा जाएगा।
द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त अंकित सिंह ने बताया कि क्राइम टीम के अलावा एफएसएल ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। शुरुआती जांच के बाद ऐसा लग रहा है कि जिस टैंक में दोनों अंदर उतरे थे, उसका बहुत ही छोटा एक ही मुंह था, अंदर दम घुटने से शायद दोनों की मौत हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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पुलिस उपायुक्त ने बताया कि शुक्रवार दोपहर 1.56 बजे उनकी टीम को सूचना मिली कि बी-77 कुतुब विहार फेज-2 में एक निर्माणाधीन मकान में हादसा हो गया है। यहा सेप्टिक टैंक की शटरिंग खोलने और सफाई के लिए उतरे दो मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई। पुलिस के वहां पहुंचने से पहले ही दोनों को इंदिरा गांधी अस्पताल ले जाया जा चुका था।
वहां पहुंचने पर दोनों की मौत का पता चला। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि गली नंबर-9, इंदिरा पार्क, पालम कालोनी निवासी सुजीत झा नामक शख्स ने अपने मकान के निर्माण का ठेका सुभाष को दिया हुआ था। सुभाष पिछले कई माह से यहां काम करवा रहा था। प्रदीप 15 दिन पहले ही उसके पास काम के लिए आया था।
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सुभाष ने मकान के भूतल पर 9 फीट गहरे एक सेप्टिक टैंक का निर्माण किया था। उसमें अंदर जाने के लिए डेढ़ फीट का एक ही होल था। टैंक की छत डालने पर उसकी शटरिंग अंदर से ही लगी हुई थी। समय पूरा होने पर प्रदीप उसे खोलने अंदर उतरा था। अंदर हवा आने-जाने का कोई स्थान नहीं था। ऐसे में पहले प्रदीप की मौत हुई। उसे देखने उतरा सुभाष भी मौत के मुंह में चला गया।
लापरवाही से मौत का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है, क्राइम टीम के अलावा एफएसएल ने मौके का मुआएना किया है, दम घुटने से मौत की आशंका है, जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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