पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मचा दी है। शनिवार को उन्होंने ऐलान किया कि वह महुआ विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। यह वही सीट है जहां से इस समय आरजेडी के विधायक मुकेश कुमार राय हैं जो तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं। 2020 के चुनाव में उन्होंने जेडीयू की प्रत्याशी आश्मा परवीन को 13,687 वोटों से हराया था।

हसनपुर सीट से विधायक

तेजप्रताप वर्तमान में हसनपुर सीट से विधायक हैं, लेकिन अब उन्होंने अपने अगले राजनीतिक कदम का खुलकर ऐलान कर दिया है। तेजप्रताप ने कहा टीम तेज प्रताप एक प्लेटफॉर्म है। हमारी टीम चुनाव में सभी को सपोर्ट करेगी जो युवा पीढ़ी से हैं और लड़ना चाहते हैं। ऐसे सभी उम्मीदवारों को हम समर्थन देंगे।

यही टीम की नई पहचान होगी

इस दौरान तेजप्रताप हरी टोपी की बजाय पीली टोपी और पीला गमछा पहने नजर आए। उन्होंने इसे एक नई राजनीतिक पहचान के तौर पर पेश किया और कहा कि अब यही टीम की नई पहचान होगी।

चाचा इस बार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे

प्रेस वार्ता में तेजप्रताप ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा चाचा इस बार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। जो युवा, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवा की बात करेगा, वही सरकार बनाएगा।” यह बयान स्पष्ट रूप से एनडीए गठबंधन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों पर निशाना था।

हम महुआ से लड़ेंगे

तेजप्रताप ने अपने महुआ से चुनाव लड़ने के फैसले पर कहा हम पहले ही कह चुके हैं कि हम महुआ से लड़ेंगे। अब विरोधियों को खुजली शुरू हो गई है वे अब गाल खुजलाते रहेंगे।

अपनी अलग राजनीतिक लाइन खींची

राजनीतिक विश्लेषक तेजप्रताप के इस कदम को बागी तेवर के तौर पर देख रहे हैं। यह कोई पहली बार नहीं है जब तेजप्रताप यादव ने अपनी अलग राजनीतिक लाइन खींची है। इससे पहले भी वे अपना उम्मीदवार उतार चुके हैं, जिससे पार्टी के भीतर तनाव के संकेत मिले थे।

राजनीति को नया मोड़ दे सकता

तेजप्रताप का यह ऐलान आरजेडी और महागठबंधन की अंदरूनी राजनीति को नया मोड़ दे सकता है। आने वाले चुनावों में इसका असर देखने को मिल सकता है।