CG News : अमित पांडेय, खैरागढ़. छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल (CG Vyapam) द्वारा आयोजित आबकारी निरीक्षक परीक्षा में शामिल होने से वंचित हुए अभ्यर्थियों का गुस्सा आज सड़क पर फूट पड़ा. खैरागढ़ में परीक्षा से बाहर किए गए दर्जनों अभ्यर्थी सीधे कलेक्टर निवास पहुंच गए और वहां जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस से उनकी तीखी बहस हुई और धक्का-मुक्की जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो गई. वहीं कलेक्टर रेणुका रात्रे का कहना कि परीक्षा निर्देश में हुए परिवर्तन का व्यापक प्रचार प्रसार किया गया. सभी प्रवेश पत्र में सभी नियम स्पष्ट किए गए हैं. इसके बावजूद अगर अभ्यर्थी निर्देश का पालन नहीं करते हैं तो इसके जिम्मेदारी प्रशासन की नहीं होगी.


प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का आरोप है कि वे परीक्षा केंद्र पर समय से पहले पहुंचे थे, लेकिन ड्रेस कोड का हवाला देते हुए उन्हें प्रवेश करने से रोक दिया गया. जब वे पास में ही कपड़े बदलकर लौटे, तब तक परीक्षा केंद्र के गेट बंद कर दिए गए और उन्हें अंदर प्रवेश नहीं दिया गया और वे परीक्षा देने से वंचित रह गए.
कलेक्टर निवास पहुंचकर नाराज अभ्यर्थियों ने की नारेबाजी
एक अभ्यर्थी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने नियमों का पालन किया. जब हमें कपड़ों को लेकर रोका गया, तो तत्काल बदलकर लौटे. लेकिन उसके बाद भी हमें बाहर ही रोक दिया गया. क्या यह हमारी गलती है या परीक्षा प्रबंधन की? परीक्षा से बाहर किए गए अभ्यर्थी जब प्रशासन से जवाब नहीं पा सके तो वे सीधे कलेक्टर निवास पहुंच गए. वहां उन्होंने न्याय की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी. स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश की, पुलिस का तर्क था कि कलेक्टर निवास “शांति क्षेत्र” है, जहां विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है. वहीं अभ्यर्थियों का कहना था कि जब उनकी मेहनत और भविष्य दांव पर हो, तो शांत रहना अन्याय के साथ समझौता होगा. इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक हुई.

इस पूरे घटनाक्रम पर नोडल अधिकारी एवं डिप्टी कलेक्टर रेणुका रात्रे ने बताया कि व्यापम द्वारा परीक्षा निर्देश में कुछ परिवर्तन किए गए हैं, जिसका व्यापक प्रचार प्रसार किया गया है. विभाग द्वारा सभी प्रवेश पत्र में भी स्पष्ट रूप से हल्के रंग के कपड़े पहनने के निर्देश छापे गए हैं.अगर उसके बाद भी अभ्यर्थी निर्देश पालन नहीं करते हैं तो इसके जिम्मेदार हम नहीं हैं. हमने दो घंटे पूर्व सभी को आने कहा था. इधर प्रदर्शनकारी अब भी अपने रुख पर अड़े हुए हैं. उनका साफ कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, चाहे दोबारा परीक्षा करानी पड़े या दोषियों पर कार्रवाई, वे शांत नहीं बैठेंगे.
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