अनूप दुबे, कटनी। मध्य प्रदेश के कटनी के बड़वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। एक लाख से ज्यादा की आबादी वाले इस क्षेत्र के लोग डॉक्टरों की भारी कमी के कारण गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। हालात इतने बदतर हैं कि अस्पताल के ICU वार्ड में आवारा कुते आराम फरमा रहे है। दरअसल एक वायरल वीडियो ने इस अस्पताल की दुर्दशा को और भी उजागर कर दिया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में दिखा गया है कि अस्पताल का आईसीयू वार्ड (ICU Ward), जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, वहां एक आवारा कुत्ता आराम फरमा रहा है। घटना रविवार दोपहर की बताई जा रही है। जब न तो कोई डॉक्टर ड्यूटी पर था और न ही कोई सफाई कर्मचारी।
पेट में दर्द की शिकायत लेकर इलाज के लिए आए शिवकुमार प्रजापति ने बताया कि उन्हें अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं मिला। जबकि आईसीयू में एक कुत्ता आराम कर रहा था। उन्होंने मांग की है कि बड़वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की तत्काल नियुक्ति की जाए ताकि क्षेत्र के लोगों को सही इलाज मिल सके।
स्वीकृत 6 में से केवल 1 डॉक्टर मौजूद
अस्पताल की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहाँ डॉक्टरों के 6 पद स्वीकृत हैं। लेकिन वर्तमान में केवल एक डॉक्टर, देवेन्द्र सिंह, ही कार्यरत हैं। रोजाना औसतन 70 से अधिक मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं और उन सभी को अकेले देवेन्द्र सिंह या फिर नर्सों को देखना पड़ता है। बड़वारा के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) का पद भी महीनों से खाली पड़ा है।
बरही के BMO, चिंतामणि पटेल को 45 किलोमीटर दूर स्थित बड़वारा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इतनी अधिक दूरी के कारण उनकी नियमित उपस्थिति यहां नहीं हो पाती है, जिससे प्रशासनिक और चिकित्सकीय कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। अस्पताल का संचालन अब मुख्य रूप से नर्सों के भरोसे चल रहा है, जो कई बार गंभीर मामलों को संभालने में सक्षम नहीं होतीं।
अस्पताल में डॉक्टरों की कमी का खामियाजा उन मरीज़ों को सबसे ज़्यादा भुगतना पड़ रहा है, जो सड़क दुर्घटना या अन्य आपात स्थितियों में यहाँ लाए जाते हैं। उन्हें तत्काल उपचार नहीं मिल पाता और गंभीर हालत में ज़िला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। इस बीच, मरीज़ों की स्थिति और भी बिगड़ जाती है। बारिश के मौसम में साँप काटने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों की कमी के कारण इन मामलों को भी ज़िला अस्पताल भेजना पड़ता है, जिससे कई बार जान-माल का नुकसान हो जाता है।
इस संबंध में सीएमएचओ कटनी राज सिंह ने बताया कि डॉक्टरों की कमी है जिसके लिए निरंतर पत्राचार किया जा रहे हैं जल्द ही डॉक्टरों की व्यवस्था सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराई जाएगी,अस्पताल में पहले अवस्थाओं जो भी जिम्मेदार है उसे पर कार्यवाही की जाएगी।
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