Rajasthan News: झालावाड़ स्कूल हादसे में सात मासूमों की मौत के बाद राजस्थान की सियासत तेज हो गई है। रविवार को सीकर पहुंचे पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य सरकार, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और जल संसाधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा पर तीखे हमले किए। डोटासरा ने घटना को सिस्टम की शर्मनाक विफलता बताया और शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की।

मदन दिलावर के पास संवेदना नहीं, सिर्फ बयानबाजी है
डोटासरा ने कहा कि शिक्षा मंत्री हादसे के बाद फूल-मालाओं से स्वागत करवाते रहे, जबकि सात बच्चों की मौत को लेकर संवेदना तक नहीं जताई। उन्होंने इस हादसे को हत्या करार दिया और कहा कि जब तक जिम्मेदारी तय नहीं होती, ये संवेदनहीनता जारी रहेगी। उनका साफ आरोप था ऐसे मंत्री राजस्थान के लिए ठीक नहीं हैं।
भाजपा सिर्फ कांग्रेस की योजनाओं की समीक्षा कर रही है
डोटासरा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने स्कूलों के ढांचे, मरम्मत, और परीक्षा प्रणाली पर कोई काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि RTI कानून के बाद शिक्षा व्यवस्था में सुधार हुआ था, लेकिन अब सरकार सिर्फ पिछली सरकारों की योजनाओं की समीक्षा कर रही है।
मुख्यमंत्री खुद निर्णय लेने की स्थिति में नहीं
डोटासरा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर भी सीधा हमला बोला। कहा मुख्यमंत्री खुद कोई फैसला नहीं ले सकते। जब तक पर्ची नहीं मिलेगी, वह कुछ तय नहीं करेंगे। यह सरकार सिर्फ दिखावे की डबल इंजन है, लेकिन काम में कोई दम नहीं है।
वसुंधरा के इशारे पर नहीं पहुंचे CM?
झालावाड़ नहीं जाने को लेकर भी डोटासरा ने मुख्यमंत्री पर तंज कसा। कहा कि वसुंधरा राजे ने इशारा कर दिया, इसलिए सीएम घटनास्थल पर नहीं पहुंचे। पिपलोदी नहीं जा पाए, लेकिन एक गांव में पौधा लगाने जरूर चले गए। यह राजनीतिक असहायता की तस्वीर है।
किरोड़ी लाल मीणा सिर्फ शोर मचा रहे हैं, काम कुछ नहीं
डोटासरा ने जल संसाधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि एसआई भर्ती जैसे गंभीर मुद्दों पर वे सिर्फ बयानबाज़ी कर रहे हैं, कार्रवाई कुछ नहीं कर पा रहे। व्यंग्य करते हुए कहा, अब उनके पंख काट दिए गए हैं, उड़ नहीं सकते। कभी बच्चों से माफी मांगें, कभी अपने ही वादों से।
सुरेश रावत का पलटवार- डोटासरा सिर्फ सुर्खियों के लिए बोलते हैं
डोटासरा के बयानों पर जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने करारा जवाब दिया। कहा कि डोटासरा को रोज अखबारों में आने की चिंता रहती है, इसलिए मनगढ़ंत बयान देते हैं। विपक्ष की आलोचना लोकतंत्र में ज़रूरी है, लेकिन रोज बेसिर-पैर की बातें करना बेमानी है। रावत ने यह भी जोड़ा कि शिक्षा मंत्री पर सवाल उठाना विपक्ष की भूमिका में हो सकता है, लेकिन तथ्यहीन आरोप सिर्फ भ्रम फैलाते हैं।
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