रायपुर. पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने हार के लिए दुष्प्रचार को सबसे बड़ी वजह बताया है. रायपुर में मीडिया से बातचीत में सिंहदेव ने कहा कि हार बहुत अप्रत्याशित है. टीएस सिंहदेव ने कहा कि वो इस बात पर कायम हैं कि 7 से कम सीटों पर जीत का मतलब नैतिक हार है. उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि तीन महीने के भीतर जिस राज्य सरकार ने जनता को 25 से 30 हज़ार करोड़ की राहत दी हो. उसकी ऐसी हार की क्या वजह हो सकती है.
उन्होंने कहा कि इस बात पर विचार करना होगा कि क्या हमसे कोई चूक हुई. रणनीति में कहीं चूक रही. क्या भ्रमित करने वाले लोग कामयाब हो गए. उन्होंने कहा कि 5 महीनों में इतना काम करने के बाद भी कोई कारण नहीं होना चाहिए.
जब उनसे पूछा गया कि इस हार पर उनका व्यक्तिगत आकलन क्या है. तो उन्होंने इसका सबसे बड़ा कारण दुष्प्रचार और मोदी के सामने यूपीए का कोई चेहरे का न होना बताया.
टीएस सिंहदेव ने राशन दुकानदारों पर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जितने राशन वाले थे, सबने ये दुष्प्रचार किया कि मोदी हार गए तो चावल बंद हो जाएगा. उन्होंने कहा कि गांव के लोग भोले-भाले होते हैं. लोगों की बात पर विश्वास कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि प्रचार के दौरान ग्रामीणों को ये समझाने में दिक्कत आई कि चना और नमक बंद नहीं हुआ बल्कि उसका गुणवत्ता खराब थी. जिसे बदला जा रहा है. चावल भी सभी लोगों को राज्य सरकार देने जा रही है. उन्होंने बीजेपी का नाम लिये बिना कहा कि जो प्रचार में माहिर हैं, वे हावी हो गए.
”सरगुजा में मेरा मुख्यमंत्री बनना वजह तो बाकी जगह क्यों हारे?”
सिंहदेव से जब पूछा गया कि क्या सरगुजा में हार की वजह ये थी कि कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया. इस पर सिंहदेव ने कहा कि कांग्रेस के लोगों ने इस बात का माहौल मना करने बाद भी विधानसभा चुनाव में बनाया था. लेकिन अगर ये कारण था तो दूसरी जगहों पर क्यों हारे. वहां तो टीएस सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाने वाली बात नहीं थी. उन्होंने कहा कि उन्हें सरगुजा में करीब डेढ़ लाख से हार भी नहीं पच रही है. उनका अनुमान 30-40 हज़ार का था.
टीएस सिंहदेव ने अमेठी के हार को बड़ा झटका बताया. उन्होंने कहा कि चुनाव में जो (स्मृति ईरानी) योग्यता का गलत हलफनामा दे सकती है, अगर वो जीत जाए तो ये समझना बड़ा मुश्किल है कि वहां क्या कारण रहे होंगे.