अजायरविंद नामदेव, शहडोल। जिले के बुढार स्थित विपणन केंद्र से किसानों की बदहाली की एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। विपणन केंद्र में खाद तो मौजूद है, लेकिन उन्हें यह खाद नहीं दी जा रही है। हैरानी की बात यह है कि विपणन केंद्र का मुख्य गेट अक्सर ताले में बंद मिलता है, जिससे किसान सुबह से शाम तक खाद के लिए भटकते रहते हैं। किसानों ने आरोप लगाया है कि उनके हक की इस खाद की कालाबाजारी की जा रही है।

किसानों का आरोप, हो रही खाद की कालाबाजारी

बुढार विपणन केंद्र में किसानों के लिए खाद तो मौजूद है, लेकिन उन्हें यह खाद नहीं दी जा रही। किसान जब पूछताछ करने पहुंचते हैं तो न तो कोई जवाब देता है और न ही खाद मिलती है। किसानों ने कहा है कि यहां खाद की कालाबाजारी हो रही है। जो खाद उन्हें उचित मूल्य पर दी जानी चाहिए, वह बाजार में महंगे दामों पर बेची जा रही है। खाद गोदाम में भरी पड़ी है, फिर भी किसान को उसका लाभ नहीं मिल रहा। गुस्साए किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि बुढार विपणन केंद्र की जांच कराई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

मवेशियों से बचाने के लिए गेट पर ताला

चौकीदार मोहम्मद असगर ने इस मामले का पोल खोलते हुए बताया कि खाद पहले उनको दिया जा रहा जो कर्जा लिए है जिनकी परमिट बनी है। स्टॉक में ज्यादा खाद न होने की वजह से ये किसान परेशान है। रही बात ताला की तो मवेशियों से बचाने के लिए गेट पर ताला लगाया गया था। खाद ब्लैक में बेचने का सवाल ही नहीं पैदा होता क्योंकि यहां CCTV कैमरे लगा है। हां ये बात जरूर है कि पहले जैतपुर, केशवाही, रसमोहनी से व्यापारी पिक-अप में किसानों को ले आते थे, अब उनकी धरपकड़ हो रही है।

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जिम्मेदार अधिकारी का बयान सामने नहीं आया

सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड ) मैनेजर आनंद नारायण पांडेय मीडिया से बचते नजर आए। कैमरे में कुछ भी कहने से बचते रहे। मामले में अब तक किसी जिम्मेदार अधिकारी का बयान सामने नहीं आया है। किसानों की नाराजगी और आरोपों को देखते हुए मामला अब गरमाने लगा है।

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