आगरा. अवैध धर्मांतरण के मामले में पुलिस ने सिंडिकेट का खुलासा किया था. अब पुलिस पूछताछ में हर रोज कई खुलासे हो रहे हैं. गिरोह के सदस्यों से पुछताछ में कई सोशल मीडिया एकाउंट की जानकारी मिली है. पुलिस के रडार पर इंस्टाग्राम-फेसबुक की 100 रिवर्ट आईडी है. ये गिरोह अवैध धर्मांतरण कर युवक, युवतियों को इंस्टाग्राम, फेसबुक के ग्रुप से जोड़ते थे. हर किसी की एक आईडी का बदला हुआ नाम था. इनके नाम के साथ इन्हें रिवर्ट लिखना जरूरी होता था.

इतना ही नहीं धर्मांतरण के बाद हर किसी की एक अलग पहचान होती थी. गिरोह के पकड़े जाने के बाद सोशल मीडिया पर बनी सभी आई में एक्टिविटी बंद हो गई है. इन आईडी से किसी तरह के कमेंट और वीडियो पोस्ट नहीं किए जा रहे हैं. पूछताछ में ये भी खुलासा हुआ है कि आईडी बनाने वाले कई लोग देश से बाहर के हैं. फिलहाल पुलिस इस मामेल में 100 से ज्यादा आईडी को चिन्हित कर जांच में जुटी है.

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बता दें कि बीते 19 जुलाई को पुलिस ने आगरा में धर्मांतरण के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया गया था. पुलिस ने इस प्रकरण में 6 राज्यों से 10 गिरफ्तारी की थी. इस रैकेट को अमेरिका और कनाडा से फंडिंग मिल रही थी. फंडिंग के कुछ सुराग मिले हैं, जिसमें कनाडा से सीधे ट्रांजेक्शन की पुष्टि हुई है. यह नेटवर्क PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया), SDPI (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों से जुड़ा पाया गया था.

7 प्रदेशों से जुड़े तार

आगरा पुलिस ने पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, पुडुचेरी, राजस्थान और उत्तराखंड में छापेमारी कर सबूत जुटाए हैं. इस मामले में दो सगी बहनों के धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद जांच शुरू हुई थी. पुलिस ने फेसबुक और इंस्टाग्राम से भी जानकारी मांगी थी ताकि इस नेटवर्क की गहरी जड़ों का पता लगाया जा सके.

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विदेशी फंडिंग की भी चल रही जांच

पुलिस को संदेह है कि इस रैकेट को विदेशों से फंडिंग मिल रही थी. जांच एजेंसियां इस फंडिंग के स्रोत और इसके उपयोग की तह तक जाने के लिए साइबर सेल और खुफिया एजेंसियों की मदद ले रही हैं. एक पीड़िता की तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें वह धर्मांतरण और कट्टरपंथ के बाद AK-47 के साथ नजर आ रही है, जो इस रैकेट की खतरनाक प्रकृति को दर्शाता है.