Dablu Yadav Encounter: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में बीती रात नोएडा एसटीएफ, बिहार पुलिस और स्थानीय सिंभावली थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक बड़ा ऑपरेशन अंजाम दिया गया, जिसमें बिहार का कुख्यात अपराधी डब्लू यादव मुठभेड़ के दौरान मारा गया। जानकारी के मुताबिक, पुलिस को इनपुट मिला था कि डब्लू यादव सिंभावली थाना क्षेत्र में छिपा हुआ है, जिसके बाद तीनों एजेंसियों ने मिलकर उसे चारों तरफ से घेर लिया।
घिरता देख पुलिस पर की फायरिंग
मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस से घिरने पर डब्लू यादव ने खुद को बचाने के लिए फायरिंग करनी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में वह गोली लगने से घायल हो गया। तत्काल उसे अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मौके से एक पिस्तौल और कई कारतूस बरामद हुए हैं।
50 हजारा को घोषित था इनाम
डब्लू यादव बिहार के बेगूसराय जिले के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के ज्ञानडोल गांव का रहने वाला था। पिछले करीब 15 वर्षों से वह अपराध की दुनिया में सक्रिय था और हत्या, अपहरण, रंगदारी व अवैध हथियारों के कारोबार जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उसके खिलाफ कुल 24 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे, जिनमें से अकेले साहेबपुर कमाल थाने में 22 मामले दर्ज थे। बिहार पुलिस ने उसपर 50,000 का इनाम भी घोषित कर रखा था।
बिहार से यूपी तक सक्रिय था उसका नेटवर्क
बताया जा रहा है कि डब्लू यादव ने एक संगठित अपराधी गिरोह खड़ा कर रखा था, जो कई जिलों में फैला हुआ था। बेगूसराय, मुंगेर और उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में उसका नेटवर्क सक्रिय था। उसका गिरोह हथियारों की तस्करी, डकैती और रंगदारी वसूली जैसे अपराधों को अंजाम देता था। डब्लू यादव गवाहों को धमकाकर केस को कमजोर कर देता था, जिससे उसके खिलाफ चल रहे मुकदमों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती थी।
हम नेता के अपहरण में सामने आया था नाम
हाल ही में 24 मई 2025 को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के नेता राकेश कुमार की अपहरण के बाद हत्या मामले में उसका नाम प्रमुखता से सामने आया था। इस सनसनीखेज हत्याकांड में नेता का शव बालू में दफन किया गया था, जिसने बिहार की राजनीति और प्रशासनिक तंत्र को हिलाकर रख दिया था। इस घटना के बाद बिहार में विरोध प्रदर्शन हुए थे और कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे।
पुलिस को लंबे समय से थी इसकी तलाश
डब्लू यादव पर 2017 में एक गवाह की हत्या का भी गंभीर आरोप था। कहा जाता है कि उसके खौफ के कारण लोग उसका नाम लेने से भी डरते थे। पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी, लेकिन हर बार वह गिरफ्तारी से बच निकलता था।
इस संयुक्त ऑपरेशन को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई लंबे समय से तैयार की जा रही थी। डब्लू यादव की मौत से बिहार और उत्तर प्रदेश में सक्रिय उसके आपराधिक नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। अधिकारियों ने कहा कि अब उसकी गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई तेज की जाएगी। इस मुठभेड़ के साथ ही एक लंबे समय से फरार और खतरनाक अपराधी का अंत हो गया।
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