Rajasthan News: राजस्थान के बारां जिले में कोटा रोड पर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की जर्जर इमारत का एक हिस्सा सोमवार सुबह अचानक ढह गया। भारी बारिश के बीच स्कूल की पीछे की दीवार, जो भौतिकी प्रयोगशाला के प्रभारी के कमरे का हिस्सा थी, भरभराकर गिर गई। गनीमत रही कि बारिश के रेड अलर्ट के कारण स्कूल में दो दिन की छुट्टी थी, जिससे कोई बच्चा या कर्मचारी मौके पर मौजूद नहीं था और एक बड़ा हादसा टल गया।

110 साल पुरानी इमारत, मरम्मत की अनदेखी

यह इमारत आजादी से पहले की बताई जाती है और 110 साल पुरानी होने के कारण जगह-जगह से जर्जर हो चुकी थी। पिछले साल ही इसे जर्जर घोषित किया गया था, लेकिन मरम्मत या पुनर्निर्माण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हादसे में ऊपरी मंजिल का हिस्सा ढहने से निचली मंजिल को भी काफी नुकसान पहुंचा। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने कई बार प्रशासन से इमारत की जर्जर हालत की शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

जिला कलेक्टर ने दिए पुनर्निर्माण के आदेश

हादसे की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर रोहिताश सिंह तोमर मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने जर्जर हिस्से को तत्काल गिराने और नए सिरे से निर्माण के लिए एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि इमारत का यह हिस्सा अब मरम्मत के लायक नहीं है और इसे पूरी तरह हटाकर नया निर्माण करना होगा। साथ ही, बारिश के कारण जलभराव से बचने के लिए शहर में पानी निकासी के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

झालावाड़ हादसे से सबक नहीं लिया गया

यह घटना हाल ही में झालावाड़ के पीपलोदी गांव में हुए दर्दनाक स्कूल हादसे की याद दिलाती है, जहां छत ढहने से सात मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। उस घटना के बाद शासन सचिव ने प्रदेशभर के स्कूलों की भौतिक स्थिति की रिपोर्ट मांगी थी, जिसे 30 जुलाई तक जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। बारां के इस हादसे ने एक बार फिर स्कूलों में सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया है।

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