Rajasthan News: राजस्थान में पीटीआई भर्ती परीक्षा 2022 में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। विशेष जांच दल (एसओजी) ने फर्जी डिग्री के जरिए नौकरी हासिल करने वाले 165 अभ्यर्थियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। इनमें सांचौर और जालौर के 14 लोग शामिल हैं।

जांच में सामने आया कि उत्तर प्रदेश की जेएस यूनिवर्सिटी से जारी फर्जी डिग्रियों के आधार पर इन अभ्यर्थियों ने नौकरी हासिल की थी।एसओजी की जांच के अनुसार, जेएस यूनिवर्सिटी को केवल 2017 से दो वर्षीय बीएड कोर्स के लिए 100 सीटों की मान्यता थी। इसके बावजूद, 2082 अभ्यर्थियों ने इस यूनिवर्सिटी की डिग्री के आधार पर पीटीआई भर्ती में आवेदन किया, जो सभी फर्जी पाई गईं।

जांच में पाया गया कि सत्र 2017-19, 2018-20, 2019-21 और 2020-22 में केवल एक अभ्यर्थी की मार्कशीट वैध थी। बाकी अभ्यर्थियों ने शिक्षा सत्र के बाद या भर्ती के समय डिग्रियां प्रिंट करवाई थीं। यूनिवर्सिटी के सर्वर से प्राप्त बैकअप डेटा ने इस फर्जीवाड़े को उजागर किया।

फर्जीवाड़े में शामिल अभ्यर्थियों के खिलाफ सख्ती

एसओजी ने यूनिवर्सिटी के सर्वर ऑपरेटर मोहित गुप्ता को भी आरोपी बनाया है और आगे और गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई है। जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं: 26 अभ्यर्थियों ने आवेदन में गलत शिक्षा सत्र दिखाया, जिनमें से अधिकांश डिग्रियां 15 अक्टूबर को जारी हुईं। 9 अभ्यर्थियों ने आवेदन में डिप्लोमा बताया, लेकिन चयन के बाद डिग्री जमा कराई।
25 अभ्यर्थियों ने आवेदन में अन्य यूनिवर्सिटी से बीपीएड बताया, लेकिन चयन के बाद जेएस यूनिवर्सिटी की डिग्री प्रस्तुत की। 43 अभ्यर्थियों की डिग्रियां 25 सितंबर 2022 के बाद की थीं, जबकि भर्ती नियमों के अनुसार इससे पहले की डिग्री होनी चाहिए थी।

सांचौर-जालौर के दो अभ्यर्थियों पर भी गिरी गाज आशीष सुथार: सांचौर के चितलवाना, मालवाड़ा का निवासी। उसने 2019 में जेएस यूनिवर्सिटी से बीपीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी हासिल की। पकड़े जाने से बचने के लिए उसने बाड़मेर जिले में पोस्टिंग मांगी और 19 सितंबर 2023 को गुड़ामालानी के पनावली राउप्रावि में ज्वॉइन किया। गड़बड़ी सामने आने पर 16 जनवरी 2025 को उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

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