भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बात नहीं बन पा रही है। पांच बार की वार्ता विफल रहने के बाद अब छठे दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी टीम 25 अगस्त को नई दिल्ली आ रही है। एक अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्ष अंतरिम व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं, क्योंकि 1 अगस्त की समय सीमा खत्म होने को है। अमेरिका और भारत के बीच अब छठे दौर की वार्ता होगी।

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सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार, टीम अगले महीने के अंत में आ रही है, लेकिन दोनों पक्ष 1 अगस्त से पहले अंतरिम व्यापार समझौते के लिए मतभेदों को दूर करने में लगे हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से भारत (26 प्रतिशत) सहित दर्जनों देशों पर लगाए गए टैरिफ के निलंबन की अवधि अगस्त महीने की पहली तारीख को खत्म हो रही है। अधिकारी ने कहा, “अमेरिकी टीम छठे दौर की वार्ता के लिए यहां आ रही है।”

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अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने कहा है कि व्यापार समझौते पर भारत के साथ और बातचीत की जरूरत होगी। हालांकि, अधिकारी आखिरी समय में किसी नतीजे पर पहुंचने की संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं। ग्रीर ने सोमवार को सीएनबीसी को बताया, “हम अपने भारतीय समकक्षों के साथ बातचीत जारी रखे हुए हैं, हमने हमेशा उनके साथ बहुत रचनात्मक चर्चा की है।” भारत और अमेरिकी टीमों ने पिछले सप्ताह वाशिंगटन में समझौते के लिए पांचवें दौर की वार्ता पूरी की।

भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और दक्षिण व मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने विचार-विमर्श किया। यह बातचीत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि दोनों पक्ष 1 अगस्त से पहले अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।

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कहां फंस रहा है पेंच?

अमेरिका भारत के साथ व्यापार समझौते में कुछ औद्योगिक वस्तुओं, इलेक्ट्रिक वाहनों, वाइन, पेट्रोकेमिकल उत्पादों, डेयरी, कृषि उत्पादों और कुछ फसलों पर शुल्क रियायत चाहता है। भारत 26 प्रतिशत टैरिफ हटाने के अलावा कपड़ा, रत्न, आभूषण, चमड़ा का सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर, केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए रियायत चाहता है। भारत अमेरिका को कृषि-डेयरी क्षेत्र में शुल्क रियायत नहीं देना चाहता क्योंकि डेयरी किसी भी मुक्त व्यापार समझौते से बाहर है। यहीं पेंच फंस रहा है।

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