जयपुर. तीन साल तक गिरफ्तारी से बचने के बाद राजस्थान के हनुमानगढ़ का कुख्यात ड्रग सप्लायर पूर्ण राम पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. पूर्ण राम को जब पकड़ा गया, तब वह काले वस्त्र पहने ‘साधु’ के वेश में था.

40 वर्षीय पूर्ण राम शर्मा तीन साल से पुलिस को वांछित था. उसका नाम तब सामने आया जब पुलिस ने मार्च 2023 में एक हेरोइन रैकेट का भंडाफोड़ किया और तीन लोगों, नवीन, ताराचंद और सुरेंद्र, को 46 लाख रुपए मूल्य की 115 ग्राम हेरोइन के साथ पकड़ा गया. जाँच के दौरान, उसका नाम मुख्य ड्रग सप्लायर के रूप में सामने आया, जिसने आरोपी को हेरोइन बेची थी.

लेकिन जैसे ही पुलिस उसे गिरफ्तार करने गई, वह छिप गया. उसे पकड़ने के लिए विशेष टीमें बनाई गईं, लेकिन वह वर्षों तक पुलिस से बचता रहा. आखिरकार हरियाणा के अलीनाबाद में अपनी बहन से मिलने पहुंचा 5,000 रुपए का ईनाम ड्रग सप्लायर पूर्णा राम एक गुप्त सूचना के आधार पर हनुमानगढ़ पुलिस की गिरफ्त में आ गया.

गिरफ्तारी का नेतृत्व करने वाले हनुमानगढ़ शहर के पुलिस स्टेशन इंस्पेक्टर सुभाष कच्छवा ने बताया, “पूर्णा राम ड्रग्स सप्लाई का धंधा करता था. वह खुद ड्रग्स नहीं लेता और न ही नशे का आदी है, लेकिन वह सप्लाई चेन का हिस्सा था और संभवतः पड़ोसी राज्य पंजाब से ड्रग्स खरीदकर राजस्थान के हनुमानगढ़ में बेचता था. वह एक ‘तपस्वी’ या ‘तांत्रिक’ के रूप में छिपा हुआ था. उसका दावा है कि वह पश्चाताप कर रहा था और साधना करने गया था, लेकिन यह सब बकवास है; उसने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपना भेष बदल लिया था. हनुमानगढ़ में उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत दो मामले दर्ज हैं.”

पूर्णा राम मध्य प्रदेश में उज्जैन मंदिर के पास एक झोपड़ी में रहता था. वह गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर और पश्चिम बंगाल में तारापीठ मंदिर के पास भी रहा, और वाराणसी में काल भैरव मंदिर के पास भी रहा, जो गुप्त साधनाओं के लिए प्रसिद्ध मंदिर हैं.

राजस्थान के हनुमानगढ़ और गंगानगर पंजाब की सीमा पर हैं, इन इलाकों में नशीले पदार्थों की तस्करी में बढ़ोतरी देखी जा रही है. पिछले दो महीनों में ही हनुमानगढ़ में छह करोड़ रुपये की हेरोइन ज़ब्त की गई है. एनडीपीएस अधिनियम के तहत 90 से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और नशीले पदार्थों से जुड़े अपराधों के लिए 113 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.