दिल्ली कैबिनेट ने ‘हौसलों की उड़ान’ (Hauslon Ki Udaan) नामक एक नई प्रतिभा खोज योजना को मंजूरी दी है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य गायन, नृत्य और मिट्टी के बर्तन बनाने जैसे विभिन्न रचनात्मक क्षेत्रों में प्रतिभाशाली युवाओं की पहचान करना और उन्हें विकसित करना है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस योजना को स्वीकृति दी गई, और यह योजना सितंबर से लागू होगी.
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह पहली बार है जब सरकार युवाओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का एक मंच प्रदान कर रही है. उन्होंने आईटीओ चौराहे पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राजधानी के युवाओं को रोजगार के अवसरों से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा. यही ‘सबकी दिल्ली’ का उद्देश्य है.
झुग्गी-झोपड़ियों के युवाओं पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आईटीओ क्षेत्र में जलभराव की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए वहां का दौरा किया. इससे पहले, दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने घोषणा की थी कि सरकार ‘हौसलों की उड़ान’ योजना शुरू करेगी, जिसका मुख्य उद्देश्य अनधिकृत कॉलोनियों और झुग्गी-झोपड़ियों के युवाओं की प्रतिभाओं की पहचान करना है.
दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने जानकारी दी है कि प्रतिभा खोज प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में ये प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी. चयनित युवा क्षेत्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेंगे, जिसके बाद राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. टैलेंट हंट के लिए ये प्रतियोगिताएं छह महीने की अवधि में संपन्न की जाएंगी.
योजना से 50 लाख युवाओं को जोड़ना है लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसका उद्देश्य दिल्ली के युवाओं की प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है. उन्होंने कला एवं संस्कृति विभाग की “हौसलों की उड़ान” योजना को मंजूरी देने की घोषणा की, जिसके तहत लगभग 50 लाख युवा जुड़ेंगे. यह पहल न केवल युवाओं को अपनी छिपी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगी, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ावा देगी.
तीन स्तर तक होगी प्रतियोगिता
योजना के तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से युवा प्रतिभाओं की पहचान की जाएगी. नृत्य, संगीत, चित्रकला और अन्य रचनात्मक क्षेत्रों में प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी. यह प्रक्रिया ज़ोनल, जिला और राज्य स्तर तक फैलेगी, जिसमें हर कला में उत्कृष्ट प्रतिभागी को “सीएम कप” से सम्मानित किया जाएगा, साथ ही उन्हें विशेषज्ञ मार्गदर्शन और प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाएगा. “हौसलों की उड़ान” केवल एक योजना नहीं है, बल्कि यह दिल्ली के युवाओं को यह विश्वास दिलाने का प्रयास है कि उनका हुनर न केवल सराहा जाएगा, बल्कि उसे संवारने का भी अवसर मिलेगा. दिल्ली अपने टैलेंट को पहचान और पंख दोनों प्रदान करेगी.
टैलेंट हंट प्रतियोगिता का पहला आयोजन कब?
कला एवं संस्कृति मंत्री मिश्रा ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत गायन, नृत्य, मिट्टी के बर्तन, मूर्तिकला, दृश्य कला, डिजिटल कला और रंगमंच जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रतियोगिताएं छह महीने की अवधि में आयोजित की जाएंगी, जिसमें पहला आयोजन सितंबर में होगा. राज्य स्तर पर विजेताओं को पुरस्कार राशि के साथ ‘सीएम कप’ भी प्रदान किया जाएगा, और प्रतियोगिता के विजेताओं को मार्गदर्शन देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों को शामिल किया जाएगा.
मंत्री ने बताया कि कला एवं संस्कृति विभाग इस योजना का नोडल विभाग होगा. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में संभवतः यह पहली बार है जब सरकार इस प्रकार की योजना को लागू करने जा रही है.
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